उत्तराखण्ड
25 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना कानपुर से गिरफ्तार
देहरादूनl पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। 25 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना, मुख्य आरोपी को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दे कि खुद को वोडाफोन का एजेंट बताकर 51 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को एसटीएफ ने कानपुर से गिरफ्तार किया है। एसएसपी, एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पीड़ित राकेश रावत निवासी फुल सैनी प्रेमनगर ने जानकारी दी कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर फोन कर खुद को वोडाफोन का एजेंट बताकर 51 लाख रुपये व फोर व्हीलर का इनाम निकलने की बात बताकर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर दी है।
स्पेशल टास्क फोर्स व साइबर पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाकर मोबाइल फोन नंबर व धनराशि जिन बैक खातों एवं ऑनलाइन वॉलेट में जमा की गई, उसकी जांच की। जांच में पता लगा कि ठगों ने ठगी गई धनराशि मध्यप्रदेश, सीतापुर (उत्तर प्रदेश) व अन्य राज्यों के बैंक खातो में ट्रांसफर की है। खातों की बैंक स्टेटमेंट निकाली गई तो सामने आया कि धनराशि कानपुर के विभिन्न एटीएम मशीन से निकाली गई। ठगों की गिरफ्तारी के लिए टीमें उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश राज्यों के लिए रवाना हुई। टीम ने खातों में सेंध लगाकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को आर्यनगर कानपुर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
आरोपित की पहचान पवन सिंह निवासी ग्राम शीतलपुर गजनेर जनपद कानपुर देहात (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई। ठग से घटना में इस्तेमाल किए गए एटीएम कार्ड, मोबाइल सिम व साढ़े 24 हजार नगद बरामद किए गए।पूछताछ में पवन सिंह ने बताया कि वह जनता को प्रधानमंत्री योजना व अन्य योजनाओं के तहत मकान मिलने की बात कहते हुए उनके खाता और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के नाम से उनका एटीएम कार्ड एवं सिम कार्ड प्राप्त करते थे। अपराध करने के लिए इन सिम कार्ड व बैंक खातों का प्रयोग करते थे। पीड़ित राकेश रावत से ठगे पैसों में से उसने 10 लाख रुपये अपने साथी पंकज व 10 लाख रुपये शीलू नाम के व्यक्ति को दिए थे। शेष धनराशि में से तीन लाख रुपये में अपनी बहन की शादी, एक लाख रुपये स्वयं का इलाज व एक लाख रुपये अपनी माता के इलाज में खर्च किए।