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कुमाऊँ

कोरोना से हुई सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता समेत 3 तीन की मौत, मरने से पहले विभाग के सामने,जाहिर की आखिरी इच्छा

हल्द्वानी। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता का हंसता—खेलता परिवार उजड़ गया है। यहां राशन विक्रेता सहित परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। सबसे अहम बात यह है कि मृत्यु से पूर्व ही गल्ला विक्रेता को अपनी मौत का आभास हो गया था और उसने विभागीय अधिकारी को मैसेज भेज कर मौत के बाद दुकान अपनी पत्नी के नाम करने का आग्रह किया था, जिसे विभाग ने स्वीकार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार कुंवरपुर निवासी 37 वर्षी लाखन सिंह धारियाल की यहां कुंवरपुर में ही सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकान है। यह एक भरा—पूरा परिवार रहा है तथा सब कुछ अच्छा भी चल रहा था। करीब आज से दस दिन पूर्व अचानक इनके परिवार में तीन लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये। जिसके बाद सभी को एक प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पूर्ति निरीक्षक रवि सनवाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह लाखन सिंह की माता गीता देवी की मौत हो गई। इसके अगले रोज शनिवार करीब 11 बजे लाखन सिंह की भी मौत हो गई। पत्नी व बेटे की मौत की पीड़ा कोरोना संक्र​मित वृद्ध नर सिंह भी नही झेल पाये और बेटे की मौत की सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद उन्होंने भी प्राण त्याग दिये।एक ही परिवार के 03 लोगों की मौत के बाद यह परिवार पूरी तरह टूट चुका है। अब इस परिवार में सस्ता गल्ला विक्रेता की पत्नी, एक 9 व 01 पांच साल का बेटा और एक छोटा भाई है।

बताया जा रहा है कि लाखन सिंह धारियाल को अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था, जिस कारण उन्होंने मरने से पहले पूर्ति निरीक्षक को अस्पताल से मैसेज भी किया था।जिसमें आग्रह किया गया था कि उनकी मौत के बाद सस्ता गल्ला की दुकान उसकी पत्नी के नाम करा देना, जिससे उसकी पत्नी दो बच्चों को पाल सके।इधर विभाग ने अब फैसला लिया है कि मृतक की अंतिम इच्छा के मुताबिक दुकान अब उनकी पत्नी के नाम कर दी जायेगी। साथ ही उनके एक बच्चे की पढ़ाई का खर्चा भी विभाग ही उठायेगा।

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