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कुमाऊँ

80 साल के पिता को नहीं मिली बेटे की लाश ,मायूस होकर लौटे

हल्द्वानी मे एक ऐसा वाक्य सामने आया है जहां किराए पर रह रहे बेटे की टाइफाइड से मौत की सूचना पर पौड़ी के धुमाकोट से शव लेने यहां सुशीला तिवारी अस्पताल आये 80 साल के बुजुर्ग को बेटे की लाश नहीं मिली। पूरे दिन भटकने के बाद बुजुर्ग उम्मीद खोकर वापस लौट गए। उन्हें न एसटीएच में बेटे का शव मिला, न उसकी मौत की कोई पुष्टि हो सकी। 72 घंटे तक बेटे को तलाशते हुए थक-हार कर वह देर शाम मायूस घर लौट गए। पौड़ी गढ़वाल धुमाकोट के कलखोबिया गांव निवासी जगदीश प्रसाद (80) को एक मई की रात सूचना मिली कि हल्द्वानी में रह रहे उनके बेटे भरत (30 साल) टाइफाइड की शिकायत के बाद रात साढ़े आठ बजे एसटीएच में भर्ती किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।बकौल बुजुर्ग यह सूचना उन्हें बेटे की रामपुर रोड निवासी मकान मालकिन से मिली। दो मई को जगदीश प्रसाद बेटे को खोजते हुए एसटीएच पहुंचे, लेकिन यहां कोरोना कंट्रोल रूम, इमरजेंसी समेत हरसंभव जगह बेटे का कुछ नहीं पता चला। कई लोगों से पूछताछ और हर काउंटर पर गुहार लगाने के बावजूद बेटे की मौत की पुष्टि या उसके संबंध में कोई भी जानकारी नहीं मिली। मजबूरन वह शाम धुमाकोट लौट गए।डॉ. शहजाद, प्रभारी, कोविड कंट्रोल रूम, सुशीला तिवारी अस्पताल का कहना है कि जगदीश प्रसाद मेरे पास आए थे। मगर भरत नाम का कोई मरीज एसटीएच में ना भर्ती हुआ, ना ब्राड डेड लाया गया है।

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