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अलकनंदा नदी कर रही भगवान शिव का जलाभिषेक, कभी-कभी देखने को मिलता है ये नजारा
रुद्रप्रयाग: शुरूआती दौर में ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मानसूनी बारिश जमकर बरस रही है. ऊंचाई वाले स्थानों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गये हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा नदी फिलहाल 624 मीटर पर बह रही है और खतरे का निशान 626 मीटर है. नदी किनारे स्थित सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं.
चमोली जिले के बदरीनाथ धाम सहित अन्य क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है. नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच नदी किनारे के सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गई है. नदी अपने मूल बहाव क्षेत्र से लगभग 15 मीटर दूर तक बह रही है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे नदी से लगभग 15 मीटर दूर भगवान शिव की 10 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति है और नदी का पानी इस मूर्ति के गले तक पहुंच चुका है. नदी में पेड़-पौधों के साथ तमाम चीजें बहकर आ रही हैं.
रुद्रप्रयाग में पिछले तीन दिनों से सिर्फ बादल छाये हुए हैं. यदि यहां भी आफत की बारिश बरसती है तो दिक्कतें अधिक पैदा हो सकती हैं. प्रशासन ने भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट मोड़ पर रख दिया है. लोगों से कहा जा रहा है कि वह सतर्क रहे, ताकि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर घरों को खाली किया जा सके. वहीं दूसरी ओर मंदाकिनी नदी भी उफान पर है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का संगम होता है.
संगम स्थल पर बने स्नान घाट के साथ शव जलाने के स्थान भी पूरी तरह से मंदाकिनी नदी में डूब गए हैं. यहां पर होने वाली हर रोज सायं की आरती भी प्रभावित हो रही है. प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. खासतौर पर नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत रहने को कहा गया है. पुलिस की ओर से अनाउंस के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है