उत्तराखण्ड
आशा कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
पर्वत प्रेरणा संवाददाता
देहरादून। अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश संगठन ने आज देहरादून जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड, स्वास्थ्य सचिव तथा महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को अपनी विभिन्न मांगों के समाधान हेतु ज्ञापन सौंपा।

महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने बताया कि वर्ष 2005 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। वर्ष 2010 में इन्हीं आशा कार्यकर्ताओं में से कुछ को पदोन्नति देकर आशा फैसिलिटेटर नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि बीते कई वर्षों से राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मांगें उठाने के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
रेनू नेगी ने बताया कि आशा व आशा फैसिलिटेटरों की मुख्य मांगे इस प्रकार हैं —
- आशा कर्मचारियों को सर्दी और गर्मी के मौसम के अनुसार अलग-अलग वर्दी प्रदान की जाए।
- वर्तमान में दी जा रही 25 दिन की मोबिलिटी ड्यूटी के स्थान पर 30 दिन की स्थायी ड्यूटी निर्धारित की जाए।
- आशा फैसिलिटेटरों को क्षेत्रीय भ्रमण के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
- सेवा निवृत्ति (रिटायरमेंट) के समय पेंशन सुविधा लागू की जाए।
- पल्स पोलियो अभियान में ड्यूटी भत्ता ₹100 की जगह ₹600 किया जाए।
- ड्यूटी के दौरान दुर्घटना या निधन की स्थिति में आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों को ₹10 लाख का बीमा कवरेज दिया जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेनू नेगी के साथ भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजयकांत, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बिष्ट, संगठन पदाधिकारी अवनीश कांत, कुसुम चौहान, आनंदी गोदियाल, मीनू, पिंकी सहित अन्य आशा फैसिलिटेटर उपस्थित रहीं।

