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प्रदेश जीएसटी कलेक्शन में पिछड़ा

हल्द्वानी। उत्तराखंड राज्य गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) संग्रह में एक बार फिर से पिछड़ गया है। राज्य में वर्ष 2024 के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वर्ष 2024 में मई माह में राज्य का जीएसटी कलेक्शन 1837 करोड़ था, जो मई 2025 में घटकर 1605 करोड़ रह गया है। इस प्रकार पिछले वर्ष के मुकाबले जीएसटी संग्रह 232 करोड़ रुपये कम हुआ है। जीएसटी नेटवर्क की ओर से जारी मई 2025 की जीएसटी संग्रह रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में जीएसटी कलेक्शन में 17 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।जबकि, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में यह वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही है। इनमें करीब 6 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों के जीएसटी कलेक्शन में औसतन 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर के जीएसटी कलेक्शन में 10 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में एक फीसदी, पंजाब में 10, चंडीगढ़ में 53, हरियाणा में 9, दिल्ली में 38, राजस्थान में 10, बिहार में 23, सिक्किम में 36, अरुणाचल प्रदेश में 53, नागालैंड में 46, मणिपुर में 102, त्रिपुरा में 27, मेघालय में 23, असम में 30, पश्चिम बंगाल में 18, झारखंड में आठ, ओडिशा में दो, छत्तीसगढ़ में एक, मध्य प्रदेश में 10, गुजरात में चार, महाराष्ट्र में 17, कर्नाटक में 20, गोवा में 13, लक्षदीप में 445, केरल में 24, तमिलाडु में 25, पांडुचेरी में 15, तेलंगाना में छह, उत्तर प्रदेश में शून्य, लद्दाख में 89 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मिजोरम में रिकॉर्ड गिरावट मिजोरम, उत्तराखंड और आन्ध्र प्रदेश जीएसटी संग्रह में सर्वाधिक गिरावट वाले राज्यों में शामिल हैं। मिजोरम के जीएसटी संग्रह में 26 फीसदी, उत्तराखंड में 13 फीसदी व आंध्र प्रदेश के जीएसटी संग्रह में 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु शीर्ष प्रदर्शन वाले राज्यः महाराष्ट्र 31,530 करोड़ जीएसटी कलेक्शन के साथ पहले, कर्नाटक 14,299 करोड़ संग्रह के साथ दूसरे व तमिलनाडु 12,230 करोड़ जीएसटी कलेक्शन के साथ तीसरे व दिल्ली 10,366 करोड़ रुपये कलेक्शन के साथ चौथे स्थान पर रहा है। महाराष्ट्र के जीएसटी कलेक्शन में 17 फीसदी, कर्नाटक में 20 फीसदी, तमिलनाडु में 25 और दिल्ली के जीएसटी संग्रह में 38 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तराखंड के जीएसटी संग्रह में आर्थिक मंदी यानी उपभोक्ता खर्च में कमी व औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती, कर समय पर जमा न करने, प्राकृतिक आपदा से व्यापारिक गतिविधि रुकने व कर छूट के कारण अस्थाई कमी आई है। बाजार में सुधार आने के साथ राज्य के जीएसटी संग्रह में ग्रोथ दर्ज की जाएगी। प्रो. मृगेश पांडे, अर्थशास्त्री।

