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कुमाऊँ

भुवन के हत्यारों की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज

अल्मोड़ा। दन्या क्षेत्र के एक गांव में हुए भुवन हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है और इसी के साथ एक बार फिर यह खबर चर्चा का विषय बन गई है। कोर्ट ने भुवन जोशी हत्याकांड में दोषी पाए गए सभी 6 आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

अल्मोड़ा सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की कोर्ट ने जेल में बंद सभी 6 आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। 29 अप्रैल को दन्या क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों ने भुवन के ऊपर लड़की से छेड़खानी का आरोप लगा कर बेरहमी से पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी थी, और इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को अपनी गिरफ्त में लिया था। मृतक के भाई गोविंद जोशी ने थाने में आरोपी दीवान सिंह, बसंत बल्लभ पांडे, दया किशन पांडे, हरीश चंद्र पांडे, नर सिंह व शिवदत्त पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और सभी आरोपी तभी से जेल में बंद हैं।

आरोपी पक्ष द्वारा कोर्ट में जमानत याचिका दर्ज की गई मगर आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। शासकीय अधिवक्ता पूरन कैड़ा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी बाहर निकल कर साक्ष्यों से छेड़खानी कर सकते हैं जिसके बाद न्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों की जमानत को खारिज कर दिया है।

दरअसल 29 अप्रैल को भुवन जोशी की दन्या क्षेत्र में आरासलपड़ गांव के पास कुछ लोगों ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। एक लड़की के साथ छेड़खानी के आरोप में वहां मौजूद ग्रामीणों ने भुवन जोशी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद इस केस में गहराई से जांच पड़ताल शुरू की गई। भुवन जोशी की मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और भारी संख्या में भुवन जोशी के समर्थन में लोग उतर आए।सिर में आई गंभीर चोटों के कारण दूसरे दिन भुवन जोशी की उपचार के दौरान दर्दनाक मृत्यु हो गई। वहीं भुवन के भाई ने पुलिस में अपने भाई के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए थाने में आरोपी दीवान सिंह, बसंत बल्लभ पांडे, दया किशन पांडे, हरीश चंद्र पांडे, नर सिंह व शिवदत्त पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

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पुलिस ने सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से सभी आरोपी जेल में बंद हैं। आरोपियों की तरफ से कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिस पर बुधवार को सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। आरोपियों के वकील ने जमानत की पैरवी की। वहीं शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने भुवन जोशी के साथ मारपीट की थी और सिर में आई गंभीर चोटों के कारण दूसरे दिन उसकी मौत हो गई। इस बात की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई। अगर आरोपियों को जमानत दी गई तो साक्ष्यों के साथ भारी छेड़खानी हो सकती है। जिसके बाद शासकीय अधिवक्ता पूरन कैड़ा की ठोस पैरवी पर मुख्य सत्र न्यायाधीश ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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