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प्रधानाचार्य और शिक्षकों के वेतन पर लगी रोक
हल्द्वानी। नैनीताल जिले के 351 स्कूलों में कार्यरत एक हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं और इन स्कूलों में तैनात प्रधानाचार्यों के जुलाई माह के वेतन पर मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) ने रोक लगा दी है। यह कार्रवाई विद्या समीक्षा केंद्र के तहत ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न करने के कारण की गई है। सीईओ के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षकों ने कड़ी नाराजगी जताई है। दरअसल, स्कूलों में शिक्षकों, छात्रों की रोजाना निगरानी के लिए विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से कक्षा एक से 12 तक के स्कूलों में शिक्षकों छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति और एमडीएम सहित अन्य जानकारी देनी होती है।26.59 फीसदी ने नहीं दी जानकारी ऑनलाइन उपस्थिति नहीं देने में भीमताल ब्लाक में सबसे ज्यादा 68, बेताघाट 41, धारी 16, हल्द्वानी 48, कोटाबाग 27, ओखलकांडा 61, रामगढ़ 45, रामनगर ब्लाक में 54 स्कूलों के एक हजार से ज्यादा शिक्षक- शिक्षिकाएं शामिल हैं। हालांकि जिले में 1320 स्कूल हैं। जिसमें 351 ने जानकारी नहीं दी। लापरवाही पर बीईओ का वेतन रूकेगा अफसरों ने बताया कि बीते पांच जुलाई लापरवाही में स्कूलों से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन 21 जुलाई तक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की गई। इस पर स्कूल के प्रधानाचार्य, शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाई गई है। यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि बीईओ की ओर से शिक्षकों, प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्यो का वेतन नहीं रोका गया तो उनका वेतन भी रोक दिया जाएगा। जिले में कक्षा एक से 12 तक 351 स्कूलों के शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य का जुलाई माह का वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं। एक हजार से अधिक शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने में लापरवाही बरती गई है। इस लापरवाही के लिए प्रधानाचार्य भी दोषी हैं। गोविंद जायसवाल, मुख्य शिक्षाधिकारी नैनीताल यह शिक्षक शिक्षिकाओं का उत्पीड़न है। जिन स्कूलों में मोबाइल सिग्नल उपलब्ध नहीं हैं, यह व्यवस्था अव्यवहारिक है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। पुष्पेश सांगा, पूर्व मंडल संगठन मंत्री, राजकीय शिक्षक संघ

