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उत्तराखण्ड

नैनीताल के जंगल में फेंकी गई शराब की बोतलें बनीं खतरा, पर्यावरण और वन्यजीवों पर मंडराया संकट

उत्तराखंड के नैनीताल जिले से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां दर्जनों बोरों और पेटियों में भरी शराब की बोतलों को जंगल के पास डिस्ट्रॉय कर फेंक दिया गया। इस घटना से न सिर्फ पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वहां रहने वाले वन्यजीवों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है।

नैनीताल से भावली मार्ग पर पाइंस स्थित पुलिस चौकी के ठीक बगल में जंगल से सटे क्षेत्र में हजारों शराब की बोतलें और बियर के टिन टूटे हुए पाए गए। इन बोतलों में नंबर वन, हंटर बियर, हेवर्ड्स 5000, टुबोर्ग और गुलाब ब्रांड्स की शराब शामिल है। पेटियों पर लगे टैग्स से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह शराब अवैध रूप से जब्त की गई थी और बाद में डिस्ट्रॉय की गई।

सूत्रों के अनुसार, बरामद शराब की कुछ पेटियां अभियुक्त नरेंद्र और संतोष से बरामद की गई थीं, जिनमें देसी मसालेदार शराब के पव्वे मौजूद थे। ये सारी टूटी बोतलें और कैन जंगल के एक गधेरे की तरफ फेंकी गई हैं, जो कि शमशान घाट के पास से गुजरता है। ऐसे स्थान पर इस तरह की गतिविधि न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि जानवरों को भी गंभीर रूप से घायल कर सकती है।

इस मामले पर तल्लीताल थाने के एसओ रमेश बोरा का कहना है कि सामान्य प्रक्रिया के तहत जब्त शराब को नष्ट करने के लिए उसे बहाया जाता है और खाली बोतलों को कबाड़ी को सौंपा जाता है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई संभवतः किसी अन्य थाना क्षेत्र द्वारा की गई होगी, क्योंकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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वहीं, आबकारी अधिकारी मीनाक्षी टम्टा ने भी स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही उनके विभाग द्वारा नहीं की गई है। उन्होंने आशंका जताई कि संभवतः पुलिस द्वारा अदालत के आदेश पर यह शराब डिस्ट्रॉय की गई हो, लेकिन इसकी पुष्टि संबंधित थाने से ही हो सकती है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए समाजसेवी राजेन्द्र परगाई मौके पर पहुंचे और देखा कि कांच की बोतलों को जंगल में फेंका गया है। उन्होंने इस कृत्य पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि वन्यजीव भी इससे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की जांच हो और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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