उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट सख्त : एसएसपी पर बरसे चीफ जस्टिस, 24 घंटे में गिरफ्तारी का अल्टीमेटम
पर्वत प्रेरणा ब्यूरो
नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव और कथित अपहरण प्रकरण की सुनवाई सोमवार को नैनीताल उच्च न्यायालय में हुई। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा को फटकार लगाते हुए कई तीखे सवाल किए। कोर्ट ने साफ कहा कि नैनीताल केवल पर्यटन स्थल नहीं है, यहां हाईकोर्ट भी है।
डी एम-एसएसपी से मांगा शपथपत्र
कोर्ट ने नैनीताल के जिलाधिकारी और एसएसपी को निर्देश दिया कि अब तक हुई पूरी कार्यवाही का ब्यौरा शपथपत्र (एफिडेविट) के रूप में मंगलवार तक कोर्ट में प्रस्तुत करें। एसएसपी ने भरोसा दिलाया कि सभी आरोपी नेताओं और कथित अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी 24 घंटे में कर ली जाएगी।
पांच सदस्यों की बात सुनने से इनकार
हाईकोर्ट ने उन पांच जिला पंचायत सदस्यों को राहत देने से इनकार कर दिया जिनके अपहरण का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि ये सदस्य पहले ही अदालत को गुमराह कर चुके हैं, इसलिए उनकी व्यक्तिगत दलीलें नहीं सुनी जाएंगी।
री-पोल याचिका पर भी रोक
कोर्ट ने दोबारा चुनाव कराने की याचिका पर भी सुनवाई से इनकार कर दिया और स्पष्ट किया कि फिलहाल सुनवाई सिर्फ चुनाव के दिन हुई घटनाओं पर ही केंद्रित रहेगी।
बीजेपी नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार
कोर्ट की सख्ती के बाद अब आरोपी बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। एसएसपी ने खुद कोर्ट में 24 घंटे का आश्वासन देकर दबाव और बढ़ा दिया है।
“क्या हम अंधे हैं?” – चीफ जस्टिस
वायरल वीडियो पर एसएसपी की सफाई से नाराज होकर चीफ जस्टिस ने तीखा सवाल दागा, “क्या हम अंधे हैं? आपकी पुलिस फोर्स कहां थी? और हिस्ट्रीशीटर चुनाव स्थल पर क्या कर रहे थे?” कोर्ट ने एसएसपी पर अपराधियों का बचाव करने का आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि सरकार चाहे तो एसएसपी का तबादला कर दे।

