उत्तराखण्ड
उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही
धराली में चार की मौत, कई लापता, सेना का बेस कैंप तबाह, गंगोत्री हाईवे बंद
पर्वत प्रेरणा संवाददाता
उत्तरकाशी । जनपद के धराली गांव में बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ से गांव में भारी तबाही मच गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं।
तेलगाड़ नाले के अचानक उफान पर आने से हर्षिल क्षेत्र में सेना का बेस कैंप और हेलीपैड पूरी तरह तबाह हो गया। घटनास्थल पर मलबा और तेज बहाव के कारण सेना के वाहन और उपकरण भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, गंगोत्री हाईवे (NH-108) भी मलबा और पत्थर गिरने से बाधित हो गया है, जिससे यातायात पूर्णतः ठप है।
रेस्क्यू अभियान तेज, राहत कार्य किया
घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि लापता लोगों की तलाश युद्ध स्तर पर जारी है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि हवाई सर्वेक्षण के जरिए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक तेज वर्षा और भूस्खलन की चेतावनी दी है, जिससे प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश
धराली और आसपास के क्षेत्रों में लोग दहशत में हैं। भय और अनिश्चितता का माहौल बना रहा। स्थानीय निवासी राजेश राणा ने बताया, “ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा। पानी और मलबा घरों में घुस गया, कई लोग लापता हैं।”
वहीं, हर्षिल में सेना का बेस कैंप प्रभावित होने से सीमा सुरक्षा से जुड़ी चिंता भी बढ़ी है। अधिकारियों ने बताया कि संचार और आपूर्ति तंत्र फिलहाल बाधित है, पर जल्द बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
चार की मौत, कई लापता, सेना का हेलीपैड तबाह
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। SDRF, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
हर्षिल क्षेत्र में सेना के कैंप के पास बहने वाला तेलगाड़ नाला अचानक उफान पर आ गया, जिससे सेना का हेलीपैड और बेस कैंप तबाह हो गया। साथ ही, मलबा आने के कारण गंगोत्री हाईवे बंद हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
प्रशासन ने क्षेत्र को संवेदनशील घोषित करते हुए नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराने के निर्देश दिए हैं। मौके पर तैनात अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित गांवों में बिजली और संचार सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।
DM अभिषेक रूहेला ने बताया कि राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त बल मंगवाए गए हैं। साथ ही, लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए उत्तरकाशी, टिहरी, और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।



