उत्तराखण्ड
सीएम धामी के गृह जनपद क्षेत्र कनालीछीना में कई गांव सड़क विहीन
मरीजों को सड़क तक लाने में एकमात्र डोली का सहारा,देर होने पर कई मरीज तोड़ चुके दम
पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह क्षेत्र जनपद पिथौरागढ़ के कनालीछीना इलाका आज भी सड़क विहीन है। मुख्यमंत्री श्री धामी के कार्यकाल को लगभग डेढ़ माह होने वाला है लेकिन उन्होंने यहां जाना तो दूर यहां की सुध तक नहीं ली। कनालीछीना कस्बे के आसपास दर्जनों गांव सड़क विहीन हैं। यहां आज तक किसी ने सड़क से जोड़ने के लिए लिंक मोटर मार्ग निर्माण की कोई घोषणा नहीं की। जिसका खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं।सड़क न होने से गांव के लोग कई मील पैदल चलते हैं।
यहां किसी के बीमार होने पर वह समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। हाल ही में कनालीछीना के महेश उपाध्याय को भी ऐसा ही दर्द मिला है जो अब उन्हें जीवन भर सताता रहेगा। कनालीछीना बाजार से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित लमड़ा से महेश उपाध्याय को अस्पताल अस्पताल ले जाने में 8 घंटे का समय लग गया। समय पर उपचार नहीं मिलने से महेश को लकवा पड़ गया। लमड़ा गांव सड़क विहीन है। यहां कुछ दिन पहले महेश उपाध्याय उम्र 52 को अचानक हृदय का दौरा पडा। उन्हें फोरन अस्पताल ले जाने की जरुरत पड़ी, लेकिन गांव में लोग ही नहीं थे, न सड़क नजदीक थी, ऐसी विषम परिस्थितियों में पड़ोस के गांव से मदद के लिए लोगों को बुलाया गया।
डोली से उनको अस्पताल पहुंचाने में काफी समय लग गया। गांव वाले डोली में महेश को लेकर 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद कठपतिया स्टेशन पहुंचे, वहां काफी देर इंतजार के बाद एंबुलेंस पहुंची। उन्हें 26 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल पिथौरागढ़ उपचार के लिए पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने उन्हें हायर सेंटर हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया। तब तक इतनी देर हो गई इस वजह से उन्हें लकवा मार गया। अब वह चल फिर नहीं सकते हैं। दो दिन पहले उन्हें गांव वापस लाया गया। महेश अब हमेशा के लिए अपंग हो गए। नाराज गांव के लोग गिरीश उपाध्याय, कमल उपाध्याय, नीरज उपाध्याय विपिन आदि का कहना है कि अब वह सड़क को लेकर लड़ाई लड़गे। परिवार में कमाने वाला सिर्फ महेश ही था, सभी उन पर निर्भर थे। परिवार की माली हालत एकदम बिगड़ गई है।