उत्तराखण्ड
कमिश्नर दीपक रावत ने सूखाताल का किया निरीक्षण, 29 करोड़ की लागत से झील को किया जाएगा विकसित
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने सूखाताल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान प्रबंधक निदेशक केएमवीएन, सचिव प्राधिकरण, उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार, नायब तहसीलदार नैनीताल, सिंचाई विभाग, जल संस्थान आदि विभागों के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे। सूखा ताल को झील के रूप में विकसित करने के लिए 29 करोड़ की लागत से इसका सौंदर्यीकरण कार्य किया जाना है, जिसके मास्टर प्लान का कुमाऊं आयुक्त ने गहन अध्ययन कर जानकारी ली। प्रबंधक निदेशक केएमवीएन डां. संदीप तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा सुखाताल सौंदर्यीकरण के विकास कार्य किए जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि इस ताल को 05 नाले रिचार्ज करते हैं। उनके द्वारा ताल के सौंदर्यीकरण कार्यों में ताल का समतलीकरण, साफ-सफाई, सिटिंग अरेंजमेंट, लाइटिंग, पाथ-वे, बुडिंग कार्य और इसके निकट बनी बहुमंजिला पार्किंग बिल्डिंग के नीचे 09 दुकानों व लिफ्ट का कार्य भी किया जाना है। इसके अतिरिक्त सूखाताल में पर्यटकों के लिए बोटिंग, कैस्केड जैसी गतिविधियां भी प्रदान की जाएगी। आयुक्त दीपक रावत ने कहा सुखाताल के सौंदर्यीकरण का कार्य शीघ्र कर लिया जाए और सौंदर्यीकरण का कार्य उच्च गुणवत्ता युक्त हो। इस दौरान मामला सामने आया कि एक नाले में प्राकृतिक स्रोत के जल के साथ सीवेज का जल भी ताल में आ रहा है, जिसकी यथाशीघ्र उचित व्यवस्था करने के लिए कुमाऊं आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा ताल का पानी स्वच्छ और साफ होना चाहिए, इसमें बरती गई लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, सभी संबंधित अधिकारी जिम्मेदारी से काम करें।इस दौरान सूखाताल परिसर में बृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्य भी किया गया।