कुमाऊँ
कोरोना कोरोना तूने मुश्किल कर दिया लोगों का जीना
तूने लोगों का मिलना जुलना बंद कर दिया
आपसी प्रेमभाव भी समझो खत्म कर दिया
इससे पहले कि कोई अपनी समस्या बताएं
तूने पहले ही उनका मुंह बंद कर दिया. कोरोना…..
लोगों का रोजगार तूने छीना
बंद कर दिया उनका खाना पीना
प्रतिष्ठानों में भी तूने ताला जड़ा
उनके आगे प्रशासन कर दिया खड़ा. कोरोना…..
यातायात भी सारे बन कर दिए
लोगों के पैरों में छाले दिए.
जैसे तैसे घर पहुंच भी गए
सभी कमरों में कैद कर दिए गए,
कोरोना….
मोहल्ले वाले पड़ोसी भी देखते हैं ऐसे
संगीन अपराधिक घुस गया हो जैसे
उनके घरों को लोग ताकते हैं ऐसे कोरोना का वायरस अभी निकलेगा जैसे ,कोरोना…
वैसे भी रोजगार से हाथ धो दिए .
फिर भी कहते हैं सब हाथ धोते रहें
घर में पड़ गए हैं खाने के लाले
फिर भी सब कहते हैं कुल्ला करते रहिए .कोरोना ….
कुछो को तूने भूखा ही मारा,
कुछो को तेरी दहशत ने मारा
जो कोई उससे बचके भी निकला उसको फिर तूने दबोच कर मारा, कोरोना…..
अस्पतालों की ओपीडी बहुत कम हो गई
लगता है जैसे अन्य रोगों की बीमारी ही मर गई
जिससे भी सुनते यही बात सुनते कोरोना की वैक्सीन लगानी है कहते, कोरोना …..
कोरोना का वायरस है बड़ा घातक
इसके हो जाने पर आ जाती है बड़ी आफत
दो गज की दूरी मास्क और सैनिटाइजर है जरूरी ,वैक्सीन लगाओ और कर दो इसकी छुट्टी पूरी,
वीरेंद्र सिंह भंडारी, पीपल पोखरा नंबर 1,फतेहपुर हल्द्वानी














