उत्तराखण्ड
राज्य में ब्लैक फंगस से खतरनाक एक नई बीमारी ने दी दस्तक
राज्य में कोरोना वायरस के कहर के साथ ब्लैक फंगस का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा था वहीं इसी बीच एक नई बीमारी देखने को मिली है जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस के बाद अब कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों में एस्परजिलस का संक्रमण देखने को मिला है। एस्परजिलस फंगस से होने वाली बीमारी के 20 पीड़ित दून के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। मरीज की इम्यूनिटी कम होना इसकी वजह बताई जा रही है।चिकित्सकों के मुताबिक जिन मरीजों के फेफड़ों में पहले से संक्रमण या खराबी होती है, उनमें एस्परजिलस फंगस के संक्रमण की आशंका अधिक होती है।
पुरानी टीबी, फेफड़ों में कैविटी के अंदर बॉल बन जाने, एलर्जी होने से यह फंगस कई बार फेफड़े में अंदर तक पहुंच जाता है। कोरोना के बाद भी कुछ मामलों में यह देखा गया है, लेकिन कोरोना से इसका क्या संबंध हैमहंत इंदिरेश अस्पताल पटेलनगर के वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट एवं कोरोना के नोडल अफसर डॉ. जगदीश रावत ने बताया कि आईसीयू में भर्ती 100 में से 10 मरीजों में यह फंगस दिखा है। कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में यह ज्यादा घातक देखा जा रहा है। यह फेफड़ों को ज्यादा संक्रमित करता है। ब्लैक फंगस की तरह ही इस संक्रमण में भी एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन दिए जाते हैं। इसकी अन्य दवाएं भी हैं। और साथ ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को देहरादून जिले में 20 नए मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। तीन मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार देहरादून जिले में कुल मरीजों की संख्या 271 और 41 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, नैनीताल जिले में 27 मरीज और पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी तक ऊधमसिंह नगर जिले में एक मामला और एक मरीज की मौत हुई है। प्रदेेश में ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 299 हो गई है, जबकि 47 मरीजों ने दम तोड़ा चुके है। वहीं, 18 मरीज स्वस्थ हुए हैं। एम्स ऋषिकेश में सबसे अधिक 195 मरीजों का इलाज चल रहा है। हिमालयन अस्पताल में 26, महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल में 24, दून मेडिकल कालेज में 12, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 22 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।