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कुमाऊँ

उभरता युवा कवि:अभिजीत, लिख चुके कई कवितायें

टनकपुर। शहर के युवा कवि अभिजीत सिंह यादव उर्फ सिकंदर ने काव्य रचना के क्षेत्र में टनकपुर का नाम गर्व से ऊंचा किया है। अभिजीत सिंह यादव अपने जीवन में कई काव्य संग्रह लिख चुके हैं , अभिजीत सिंह यादव का जन्म टनकपुर शहर में 30 अप्रैल 1994 को हुआ था।अभिजीत का रुझान बाल्य काल से ही कविता लिखने में रहा है ।स्नातक करने के बाद भी अभिजीत ने कविताओं को लिखना जारी रखा और सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर ही अपने द्वारा लिखी कविताओं को और कोट्स को पोस्ट करते रहे, जिस कारण से टनकपुर के लोग इनको युवा कवि के रूप में जानने लगे। इनकी रचनाओं में व्यक्तिगत अनुभव समकालीन घटनाओं का प्रभाव वह जीवन की यथार्थता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

अभिजीत सिंह यादव के कोट्स संग्रह अमेजॉन साइट पर ई- बुक के रूप में प्रकाशित है, जो इस प्रकार है- Depressed Voice, मंथन, मंथन२.०(१), मंथन २.०(२) Insta-@poetholicabhijeet इस प्रकार है। आज अभिजीत ने पर्वत प्रेरणा न्यूज पोर्टल को शुभकामनाएं देते हुए अपनी कविता हमारे पोर्टल को भेजी है। अभिजीत की कविता का शीर्षक है इस प्रकार है।

वो इमारत जर्जर है।

वो इमारत जर्जर है।
नही योग्य रहने के,
अब वीरान खंडहर है।
दूर रहते है,
लोग अब उससे।
अनहोनी का उन्हे डर है।

वो इमारत जर्जर है।
बनने लगे है इस पर,
आशियाने कुदरत के।
क्योंकि दुनिया की नजर मे,
यह खंडहर है।

वो इमारत जर्जर है।
फूट चुका है,
हरित का अंकुर।
पेड़ पौधों और घासों का,
अब वो घर है।

वो इमारत जर्जर है।
कबूतर- चमगादड़ की,
आवाज सुनाई देती है अक्सर।
जैसे बता रहे हो,
ये अब हमारा घर है।
वो इमारत जर्जर है।
अब नही है खंडहर।
हरित का आशियाना है।
उस आशियाने में भी,
कई परिंदो का घर है।

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वो इमारत जर्जर है।
नही है अब वीरान खंडहर,
कुदरत का वो घर है।

रिपोर्टर:- गौरव शर्मा टनकपुर

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