बरसात के मौसम में त्वचा रोगों के प्रति सावधान रहिए। इन दिनों मौसम में अत्यधिक नमी है। ऐसे में शरीर में पसीना आने पर हमारी त्वचा में कई प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं। एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों ने इस मामले में विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
बरसात का मौसम में कई तरह के चर्म रोगों के होने का खतरा रहता है। इस बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि समय पर त्वचा रोगों का निदान करना बहुत जरूरी होता है। बरसात के मौसम में कीटाणु बहुत तेजी से पनपते हैं और ऐसे में त्वचा में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि यह संक्रमण धीरे-धीरे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता चला जाता है। समय पर इसकी रोकथाम नहीं होने की दशा में यह बाद में गंभीररूप ले सकता है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में त्वचा रोगों से संबंधित सभी प्रकार के परीक्षण और उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा मरीजों की सुविधा के लिए एक विशेष एलर्जी क्लीनिक भी अलग से संचालित किया जा रहा है।
त्वचा रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रीति भाटिया जी ने बताया कि स्वच्छता की कमी, भीड़भाड वाले स्थानों में ज्यादा देर तक रहने़, अत्यधिक पसीना आने, गीले या नम कपड़े पहनने और मौसम में आर्द्रता की वजह से बरसात में विभिन्न प्रकार के चर्म रोग पैदा होते हैं। इनमें त्वचा में चकत्ते उभरना, खुजली होना और बालों का झड़ना प्रमुख रोग हैं। खुजली की समस्या रात के समय ज्यादा परेशान करती है। अधिकांश मामलों में यह फंगल संक्रमण होता है। इसका उपचार समय पर नहीं करने से यह संक्रमण त्वचा में कई जगह फैलना शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में मरीज अक्सर टोपिकल स्टेरॉयड का सेवन करते हैं। यह स्टेरॉयड जहर की भांति कार्य करते हैं और लंबे समय तक चलने वाले फंगल संक्रमण का कारण बनते हैं।
डॉ. रीति ने बताया कि बरसात में चेहरे पर मुंहासे और लाल पपल्स उभरने की समस्या भी होती है। खासतौर से त्वचा की एलर्जी/एक्जिमा शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते के साथ देखी जाती है। इसके अलावा बरसात के मौसम में बालों का झड़ना और उनमें रूखापन आने की समस्या भी होती है। लिहाजा त्वचा रोगों से बचने के लिए शरीर की स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है। साबुन लगाकर रोज नियमितरूप से स्नान करने, अच्छी तरह सूखे हुए कपड़े पहनने, बारिश में भीगने की स्थिति में गीले कपड़ों को जल्दी से बदलने और शरीर में पसीना आने वाले स्थानों को सूखा रखने से इन बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई बार त्वचा संबंधी समस्या होने पर मरीजों को नहाने के लिए मना किया जाता है। यह मिथक गलत है। इसके साथ ही सिर की अत्यधिक तेल से मालिश करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से बाल ज्यादा टूटने लगते हैं। हालांकि कई बार बालों के झड़ने के कुछ अंतर्निहित कारण होते हैं, इसका पता लगाने को बालों की जांच कराई जानी चाहिए।