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मॉनसून की देरी से विदाई ने बढ़ाई किसानों की चिंता

मीनाक्षी

हल्द्वानी। मानसून की विदाई में हो रही देरी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां मटर की बुवाई अभी तक नहीं शुरू हो सकी। वहीं भावर में धान की फसल तैयार नहीं होने के कारण कटाई शुरू नहीं हो सकी है। फसलों का चक्र बदलने से अब इनका उत्पादन भी प्रभावित होने का संकट बना हुआ है। अनियमित मौसम किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। गर्मियों में जहां बारिश नहीं होने से किसानों के खेत सूखे रहे। वहीं अब मानसून जरूरत से ज्यादा बरसने के बाद भी विदा नहीं हो सका है। मौसम अनुकूल होने पर किसानों की धान की फसल की कटाई पंद्रह सितंबर के बाद शुरू हो जाती है।इस बार समय से पानी नहीं मिलने और मानसून की बारिश अभी तक होने से खेतों में धान की बालिया तैयार नहीं हो पाई हैं। ऐसे में किसान इसके लिए जरूरी धूप का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्र में मटर की बुवाई अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, जिससे किसान मानसून के गुजरने का इंतजार करने को मजबूर हैं। फसलों के अनियमित हो रहे चक्र से किसान उत्पादन के लिए आशंकित बने हुए है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कुमाऊं पीके सिंह ने बताया कि मौसम पर फसल निर्भर होती है। इसमें होने वाले बदलाव का असर खेती पर पड़ता है। नई फसल की बुवाई भी पिछड़ रही मानसून की विदाई के इंतजार में किसान अपनी अगली फसल की तैयारी भी शुरू नहीं कर सके हैं। सामान्य स्थिति में लहसून की पौध के साथ ही सर्दियों में तैयार होने वाली हरी सब्जियों की बुवाई किसान सितंबर आखिरी तक निपटा लेते हैं, लेकिन इस बार अभी तक काम शुरू ही नहीं हो सका है। बारिश बन रही फसल के लिए आफत सिंतबर आखरी सप्ताह में हो रही बारिश अब खेत में खड़ी फसल के लिए खतरा बन रही है। मंगलवार सुबह तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश से भावर के किसानों की धान की फसल खराब हो गई, जिससे किसान अपनी मेहनत को बर्बाद होते देखने के लिए मजबूर हैं। बोले किसान मौसम खेती-किसानी के लिए परेशानी बना हुआ है। मानसून की बारिश जारी होने से मटर की बुवाई नहीं हो सकी है। मदन सिंह बिष्ट, किसान धारी धान की फसल मौसम ने खराब कर दी है। पहले पानी नहीं मिल सका, अब बेवक्त बारिश होने से फसल पकना मुश्किल बना हुआ है। भुवन जोशी,किसान हल्द्वानी

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