कुमाऊँ
श्मशान में चिता लगाने के लिए वन कर्मी ले रहे हैं 1500 से 2000 की रकम,मामला पहुंचा नगर निगम
जीना मरना तो जिंदगी के दो पहलू हैं लेकिन इसी पहलू के साथ एक तीसरा पहलू यह भी है कि इंसान के जीवन में हमेशा कुछ ऐसे लोग मिलते हैं जो मुनाफाखोरी को लेकर सबसे आगे नजर आते हैं और आज के दौर में यह चीज सबसे ज्यादा सामने आ रही है जहां पर इंसान के मरने के बावजूद भी कुछ लोग चंद पैसों के लालच में मुनाफा कमाने की वजह से इंसान की अंदर से इंसानियत को खत्म कर देती है।
बता दें कि ऐसा ही मामला हल्द्वानी शहर का सामने आया जहां पर श्मशान में कुछ लोगों का एक गिरोह काम कर रहा है जो लोगोें की मजबूरी का लाभ उठाकर चिता बनाने के दो पांच हजार रुपये तक वसूल रहा है। उस पर भी शर्त यह कि शव को रखे जाने के बाद चिता पर लकड़ियां परिजनों को ही रखनी होंगीं। कल इस ही बात को लेकर चित्रशिला में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई।
लाठियां चली और मामला आखिर में नगर निगम के अधिकारियों के पास पहुंचा। जांच पड़ताल में आरोप सही निकले और अब नगर निगम प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रावाई की तैयारी कर रहा है।कल दोपहर बाद नगरायुक्त चंद्र सिंह मर्तोलिया के पास पहुंचे एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि मुक्तिधाम में वन निगम की टाल पर काम करने वाले कर्मचारियों से मिलकर कुछ लोग चिता बनाने का ठेका मृतक के परिजनों से कर रहे हैं। ऐसे में जो लोग अपनों की चिता खुद बनाने की बात करते हैं तो उन्हें वन निगम के कर्मचारी बाद में लकड़ी देते हैं। उन्होंने शिकायत की कि ऐसे लोग चिता बनाने के नाम पर 1500 से दो हजार रूपये वसूल रहे हैं।
इस पर नगरायुक्त ने सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र सिंह चौहान को मामले की जांच के लिए निर्देशित किया। सहायक नगरायुक्त स्वयं मुक्तिधाम पहुंचे और नगर निगम के एक कर्मचारी को मृतक के परिजन के भेष में लकड़ी लेने के लिए भेजा। नगर निगम कर्मी ने एक ऐसे व्यक्ति से बात की जो चिता बनाने का ठेका ले रहा था। सहायक नगरायुक्त ने उनकी पूरी बात सुनीं और अपनी रिपोर्ट नगरायुक्त को सौंप दी।अब नगर निगम का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रावाई की जाएगी। उधर वन निगम ने कहा है कि जांच में यदि उनका कर्मचारी भी दोषी पाया गया तो उसे बर्खाश्त किया जाएगा।इससे पहले चिता के ठेके को लेकर मुक्तिधाम में दो मृतकों के परिजनों और ठेकेपर चिता सजााने का काम करने वाले युवकों के बीच जमकर मारपीट हुई और लाठी डंडे चले। इससे अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आए लोगों में अफरातफरी फैल गई।