उत्तराखण्ड
व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़े जाने पर व्यापारियों में रोष, बंद किए बाजार
उत्तरकाशी में व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़े जाने पर व्यापारियों में रोष है। इसके विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद किए हैं। बता दें कि उत्तरकाशी जिले के अलग-अलग बाजार तोड़े जा रहे हैं।
उत्तरकाशी में व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़े जाने पर व्यापारियों में रोष
उत्तरकाशी में हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है। अतिक्रमण को रेडमार्क कर उत्तरकाशी जनपद के अलग-अलग बाजार तोड़े जा रहे हैं। वहीं बिना मानक के अतिक्रमण हटाने में हो रही अनियमिताओं के विरोध में अब व्यापारी लामबंद होने लगे हैं।
व्यापारियों ने बंद किए बाजार
उत्तरकाशी में शुक्रवार को जिले के चोरंगीखाल एवं धौन्तरी बाजार के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए।
लेकिन प्रदेश सरकार भी उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जब सरकार झुग्गी झोपड़ियां और मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है तो क्या उनके पक्ष सुनने के लिए अध्यादेश नहीं ला सकती।
अतिक्रमण की आड़ में प्रशासन कर रहा उत्पीड़न
व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण की आड़ में प्रशासन व सम्बंधित विभाग उनका उत्पीड़न कर रहा है और प्रदेश सरकार खामोश है। इसके साथ ही व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण चिन्हित करने आए कर्मियों ने बिना मानक के चिन्हीकरण में अनियमिताएं की है।
व्यापारियों ने लगाए गंभीर आरोप
व्यापारियों का कहना है कि इनके द्वारा वास्तविक अतिक्रमण को चिन्हित नहीं किया गया है। बल्कि उनके द्वारा तो उस अतिक्रमण को नजर अंदाज ही कर दिया गया। जबकि बाजार में 15 मीटर और अन्य जगहों पर 18 मीटर के दायरे में ऊपर की तरफ का मुआवजा ऑल वेदर सड़क निर्माण के समय राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट के द्वारा दिया गया।
कहीं न कहीं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से आज वहां पर लोगों ने अतिक्रमण कर अपने पक्के भवनों को खड़ा कर दिया है। उन भवनों को बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने दूसरी तरफ के भवनों को चिन्हित कर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। आज विभाग को उनकी पुश्तैनी भूमि पर तो अतिक्रमण दिख रहा है लेकिन जहां विभाग ने लाखों व करोड़ो रूपए
का मुआवजा दिया है वहां पर विभाग को अतिक्रमण अभी भी नहीं दिखाई दे रहा है।
अनियमित क्यों बरती जा रही है व्यापारियों ने उठाए सवाल ?
व्यापारियों का कहना है कि जिस मकान का मुआवजा दिया गया उसे तो छोड़ा जा रहा है और अन्य को अतिक्रमण के दायरे में लाया जा रहा है। आखिर ये अनियमित क्यों बरती जा रही है ये एक जांच का विषय है। क्यों सरकार इसका संज्ञान नहीं ले रही है।
आज सरकार भी उनके प्रतिष्ठानों को बचाने के बजाय उजाड़ने का काम कर रही है। गुस्साए व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने आज सिर्फ सांकेतिक तौर पर बाजार बंद किया है। अगर इसके बाबजूद सरकार नहीं चेती तो अनिश्चित काल के लिए बाजार बंद किया जायेगा और सभी व्यापारी अपने अपने प्रतिष्ठानों के आगे आमरण अनशन शुरू कर देंगे।