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गणेश गोदियाल ने मुख्यमंत्री, वन मंत्री और BJP प्रदेश अध्यक्ष से पूछे सवाल
मीनाक्षी
देहरादून: कांग्रेस के गणेश गोदियाल ने BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर पलटवार किया है। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व में सीबीआई जांच के दायरे में आए अधिकारी को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक बनाने को लेकर भी सरकार और वन मंत्री पर गंभीर सवाल उठाए हैं।गणेश गोदियाल ने कहा कि महेंद्र भट्ट का कहना है कि मंदिर समिति के पैसों की बंदरबांट की गयी। इस पर उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समति में BJP के जितने भी अध्यक्ष रहे, सभी ने अपने लोगों को नौकरी पर लगाया। उन्होंने वर्तमान मंदिर समिति अध्यक्ष पर अपने रिश्तेदारों और चहेतों की तनख्वाह बढ़ाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि मंदिर समिति का पैसा सरकार को दिया गया। मंदिर समिति में मनमानी चल रही है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त करने के मामले में उन्होंन भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी राहुल की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उस अधिकारी को तैनाती दी है, जिसको हाईकोर्ट के आदेश के बाद पार्क में पेड़ कटान मामल में हटा दिया गया था। अब एक उसी अधिकारी को फिर से नियुक्ति दी गयी गई। उन्होंने कहा कि IFS अधिकारी मुख्यमंत्री के चहेते हैं और उनके अनुरूप काम करने वाले हैं। सवाल उठाया कि क्या सरकार किसी दूसरे अधिकारी को नियुक्त नहीं किया जा सकता था।वहीं, गणेश गोदियाल ने वन मंत्री सुबोध उनियाल के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वन मंत्री का कहना है कि अधिकारी के खिलाफ जांच नहीं है, बल्कि यह एक प्रकरण की जांच है। इसको लेकर उन्होंने सवाल उठाया कि अगर प्रकरण को लेकर जांच हो रही है। किसी व्यक्ति की जांच नहीं की जा रही है, तो फिर हरक सिंह रावत को क्यों कठघरे में खड़ा किया गयाहै।गोदियाल ने कहा कि वन मंत्री के इस तरह के बयानों पर संदेह होता है। उन्होंने कहा कि कोई प्रकरण (कांड) कोई व्यक्ति ही करता है। उस कांड में भारतीस वन सेवा के अधिकारी राहुल भी आरोपी थे। उनको हटाया गया था। दूसरी ओर हरक सिंह रावत अन्य अधिकारियों को इसी प्रकरण में जांच का सामना करना पड़ रहा है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है कि आखिर किस आधार पर एक अधिकारी को फिर से कॉर्बेट में नियुक्ति दी गई।