उत्तराखण्ड
उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित, गंगोत्री हाईवे बंद
उत्तरकाशी में फरवरी के अंत के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी का दौर जारी है। बीते दो दिनों से हो रही बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुक्की से आगे आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। बर्फबारी के चलते हर्षिल घाटी और आसपास के गांवों में भी सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां भी बाधित हो रही हैं।
गंगोत्री हाईवे पर लगातार गिर रही बर्फ के कारण सुक्की से झाला तक केवल 4×4 स्किड चेन लगे वाहन ही जा सकते हैं, जबकि झाला से गंगोत्री तक रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीमें बर्फ हटाने के काम में जुटी हुई हैं और मार्ग को जल्द से जल्द खोलने की कोशिश कर रही हैं। सोनगाड़ से सुक्की टॉप तक केवल नॉन-स्किड चेन वाले वाहनों को जाने की अनुमति दी गई है। सुक्की टॉप पर बीआरओ के एक जेई आरएल मीना कार्य की निगरानी कर रहे हैं, जबकि दो जेसीबी मशीनें सोनगाड़ से सुक्की टॉप तक बर्फ हटाने में लगी हुई हैं। इसके अलावा, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए डबरानी में एक एक्स-205 इक्वेटर तैनात किया गया है।
भारी बर्फबारी के चलते गंगोत्री धाम तक भी हाईवे बंद हो गया है। खबर है कि धराली और हर्षिल से करीब आठ से दस किलोमीटर आगे जांगला पुल के पास हिमस्खलन हुआ है, जिससे रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। इस वजह से प्रशासनिक अधिकारियों को पीएम मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को सुबह 9 बजे हर्षिल पहुंचकर मुखबा मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। लेकिन खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण प्रशासन को उनकी यात्रा की व्यवस्थाएं करने में मुश्किलें आ रही हैं। बीते दो दिनों में हुई भारी बर्फबारी के चलते हर्षिल घाटी के आठ गांवों सहित गंगोत्री में जनजीवन प्रभावित हुआ है। हालांकि, संचार सेवाएं और बिजली आपूर्ति जो पहले ठप हो गई थीं, उन्हें अब बहाल कर दिया गया है।
फिलहाल, उत्तरकाशी प्रशासन और बीआरओ हाईवे को जल्द से जल्द खोलने में जुटे हुए हैं। लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।


