Connect with us

उत्तराखण्ड

आईआईएल की ग्रीन फील्ड पशु वैक्सीन विनिर्माण सुविधा का भूमि पूजन समारोह जीनोमवैली में किया गया आयोजित

देहरादून – जीवन रक्षक टीकों के निर्माण और आपूर्ति के लिए समर्पित भारत की अग्रणी जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) ने फुट एंड माउथ डिजीज वैक्सीन (एफएमडी) के निर्माण के लिए अपनी नई ग्रीनफील्ड पशु चिकित्सा वैक्सीन प्लांट का हैदराबाद की जीनोम वैली में निर्माण शुरू कर दिया है जिसमे फुट एंड माउथ डिजीज (FMD-Vac) तथा फुट एंड माउथ डिजीज + हेमोरेजिक सेप्टिसीमिया वैक्सीन (FMD+HS-Vac) का उत्पादन किया जायेग।

इस नई इकाई में औषधि पदार्थों के निर्माण के लिए बीएसएल3 (BSL3) सुविधा और औषधि उत्पादों – एफएमडी वैक्सीन और एफएमडी+एचएस वैक्सीन दोनों के उत्पादन के लिए फिल-फिनिश क्षमता होगी।

तेलंगाना सरकार का एक उपक्रम, तेलंगाना राज्य औद्योगिक अवसंरचना निगम लिमिटेड (TSIIC), ने IIL को बायोटेक पार्क, फेज 3, करकापटला, जिला सिद्दीपेट, तेलंगाना में भूमि आवंटित की थी। प्रस्तावित प्लांट में प्रत्येक वर्ष एफएमडी वैक्सीन या एफएमडी+एचएस वैक्सीन प्रत्येक की 150-150 मिलियन खुराक की क्षमता है। लगभग 700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, प्रस्तावित प्लांट से 750 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।

इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी – NDDB) की सहायक कंपनी है। अपनी 40 से अधिक वर्षों की यात्रा में, आईआईएल ने पशु और मानव टीकों का निर्माण करने वाले अग्रणी “वन हेल्थ” (One Health) संगठन के रूप में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। आईआईएल दुनिया भर के 60 से अधिक देशों में अपने उत्पादों का निर्यात भी करता है।

आज एनडीडीबी और आईआईएल के अध्यक्ष ने आईआईएल बोर्ड के सदस्यों, कर्मचारियों और एनडीडीबी के अधिकारियों की उपस्थिति में शिलान्यास समारोह का नेतृत्व किया। इस अवसर पर बोलते हुए, एनडीडीबी और आईआईएल के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा, “आईआईएल उस उद्देश्य को पूरा करना जारी रखता है जिसके लिए इसे एनडीडीबी द्वारा विश्व स्तरीय वैक्सीन निर्माता के रूप में स्थापित किया गया था। हैदराबाद में यह नई वैक्सीन विनिर्माण सुविधा राष्ट्र को समर्पित है और निश्चित रूप से हमारे देश में FMD रोग के उन्मूलन में सहायता करेगी। किफायती टीकों की खोज और निर्माण करने की आईआईएल की क्षमता ने सरकारी खजाने को कई हजार करोड़ रुपये बचाए हैं।“

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में ठंड से ठिठुरने लगे लोग, राज्य के इन दो जिलों कोहरे का अलर्ट किया जारी

आईआईएल के प्रबंध निदेशक डॉ. के आनंद कुमार ने कहा, “हम भारत सरकार के प्रतिष्ठित पशुधन स्वास्थ्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी – LHDCP) के लिए एफएमडी वैक्सीन के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हम तेजी से विकास के चरण में हैं और अकेले इस वर्ष में ही 40% तक बढ़ने की उम्मीद है,अपनी विकास दर की गति को बनाए रखने के लिए, आईआईएल भारत के भीतर और अफ्रीका सहित अन्य उभरते भौगोलिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में अतिरिक्त निवेश करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है ताकि ऐसे उपकरण विकसित किए जा सकें जो बीमारियों के नियंत्रण और उन्मूलन में मदद करेंगे।“

More in उत्तराखण्ड

Trending News