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उत्तराखण्ड

देवीधुरा का ऐतिहासिक बग्वाल: 9 मिनट तक बरसे पत्थर, 150 से अधिक वीर घायल


डीएम मनीष कुमार की कार्यसंस्कृति से मेले में अनुशासन, लाखों बने गवाह

देवीधुरा (चंपावत)। रक्षाबंधन पर वाराही धाम में आयोजित ऐतिहासिक बग्वाल इस बार रोमांच और अनुशासन के बीच शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। दोपहर 1:57 बजे मंदिर से शंखनाद के साथ ही चारों खाम — वालिक, गहड़वाल, चम्याल और लमगड़िया — के बगवाली वीर आमने-सामने आ गए। नौ मिनट तक चली इस पारंपरिक पत्थर-बग्वाल में पत्थरों, फूलों और फलों की बरसात हुई, जिसमें 150 से अधिक बगवाली वीर घायल हुए, हालांकि सभी की चोटें मामूली थीं और उपचार के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।


सुबह मौसम खराब होने से लोग देर से घरों से निकले, लेकिन मैदान के चारों ओर दूर-दूर तक दर्शकों का हुजूम उमड़ पड़ा। चारों खाम के वीर निर्धारित ड्रेस कोड — कुर्ता, पजामा और पगड़ी — में मैदान में उतरे। बग्वाल शुरू होने से पहले खाम प्रमुखों ने मां वाराही की परिक्रमा कर सुरक्षित आयोजन की प्रार्थना की।


स्थानीय चिकित्सालय और मंदिर परिसर में तीन चिकित्सा शिविर लगाए गए थे। सीएमओ डॉ. देवेश चौहान स्वयं निगरानी में रहे। उनके अनुसार किसी को गंभीर चोट नहीं आई। पुलिस की सख्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते पूरे मेले में कहीं भी अव्यवस्था नहीं हुई।


मेले की सफलता का श्रेय जिलाधिकारी मनीष कुमार को दिया जा रहा है, जिन्होंने आयोजन से पहले कई बैठकें लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया था कि यह मेला जिले की शान और परीक्षा दोनों है। 40 साल से मेला संयोजित कर रहे विनोद गड़कोटी के अनुसार, इतनी बेहतरीन व्यवस्था पहली बार देखने को मिली।

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मंदिर कमेटी अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, आचार्य कीर्ति जोशी और चारों खाम के लोगों ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। रविवार को मां वज्र वाराही की भव्य शोभायात्रा निकलेगी और 16 अगस्त को मेले का समापन होगा।

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