कुमाऊँ
इंसानियत अभी जिंदा है- पालिकाटीम ने किया संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार ,परिवार का कोई नहीं पहुंचा सदस्य
उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसको लेकर हर किसी में डर का माहौल बना हुआ है और अब तक इसकी चपेट में आने की वजह से न जाने कितने लोगों की मौत हो गई है। इस बार भी एक व्यक्ति की जान इस वायरस ने ले ली है और जब इस व्यक्ति के अंतिम संस्कार की बारी आई तो परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया जिसके बाद नगर पालिका की टीम ने इंसानियत का फर्ज अदा करते हुए अंतिम संस्कार कराया। खुद पालिका के ईओ ने पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया।
बता दे कि नैनीताल से एक दिल जीतने वाली कहानी सामने आई है। महामारी के दौर में जहां सब तितर-बितर हो रहा है। वहां इंसानों के बीच के रिश्ते सुधर रहे हैं। पालिका की टीम द्वारा मृत संक्रमित व्यक्ति का क्रिया क्रम करना वाकई मानवता को उजागर करता है।ग्राम टांडा बसई निवासी 40 वर्षीय संजय पाठक पुत्र नंदा बल्लभ पाठक एक रिसॉर्ट में कुक का काम करता था। लॉकडाउन के चलते कई दिनों से अपने घर पर ही था। शनिवार को उसकी तबीयत बिगड़ी तो सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। बता दें कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।मृतक व्यक्ति की पत्नी व दो छोटे-छोटे मासूम बच्चे हैं। पत्नी के अनुसार उसने कई परिजनों से अंतिम संस्कार करने हेतु आग्रह किया मगर कोई भी आने को तैयार नहीं हुआ। जब इसकी सूचना एसडीएम विजयनाथ शुक्ल को मिली तो उन्होंने फौरन नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी से बात की।जिसके बाद ईओ भरत त्रिपाठी आगे आए और अपनी टीम के साथ अंतिम संस्कार का क्रिया कलाप पूरा कराया। बता दें कि भरत त्रिपाठी खुद कोरोना से जंग जीत कर आए हुए हैं। हालांकि इस काम में ईओ को मुश्किलें ज़रूर आईं क्योंकि शुरुआत में किसी का साथ नहीं मिल रहा था। मगर उसके बाद कुछ नेक दिल इंसानों से मदद मिली। जिसकी बदौलत अंतिम संस्कार किया गया।अंतिम संस्कार कराने में शामिल सभासद व एम्बुलेंस चालक दीपक चन्द्र डीसी व सभासद शिवि अग्रवाल, पालिका के प्रभारी स्वस्थ निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट उर्फ दीपू, वाहन चालक फरीद अहमद, पर्यावरण मित्र आकाश बाल्मीकि व शनि बाल्मीकि ने हाथ बंटाया। बाद में शमशान घाट पहुंचे मृतक के रिश्तेदारों ने पालिका की टीम का धन्यवाद किया।