उत्तराखण्ड
नजरें चौकन्नी और दिमाग हरदम खुला रखिएगा धामी जी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 16 दिसंबर को अपना 47वां जन्मदिन मना रहें हैं। सरल, सौम्य स्वभाव के सीएम धामी के लिए उत्तराखंड जैसे प्रचंड सियासी राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना भले ही आसान हो सकता है लेकिन कुर्सी को बचाए रखना कहीं से भी आसान नहीं होगा। इस बात को सीएम धामी अब बेहतर तरीके से समझ चुके होंगे।
हालांकि मौजूदा वक्त में सीएम धामी के लिए कोई सियासी खतरा नहीं दिखता है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उत्तराखंड में राजनीति कभी भी किसी भी करवट ले सकती है फिर एक बार तो विधायक भी पिछली बार की तुलना में कम ही हैं।
बाजी मारी, पारी बची–
23 मार्च 2022 को दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिनसे उनकी ब्रांड बिल्डिंग हो सकती है लेकिन UKSSSC पेपर लीक मामले में बीजेपी नेता का नाम सामने आने और विधासनभा में भर्तियों का गड़बड़झाला खोलने के बाद ये भी सच है कि उनकी ही पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ हो गए होंगे। कहते हैं कि चिंगारियां तेज हवा का साथ पाकर न सिर्फ भड़कती हैं बल्कि कभी भी जंगल को तबाह कर सकती हैं। ऐसे में सीएम धामी को इन चिंगारियों से निपटने के लिए ‘अग्निशमन यंत्र’ तैयार रखने होंगे।
सीएम धामी ने उत्तराखंड के लोगों के सामने यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने का आश्वासन रखा है। समिति और रिपोर्ट से आगे बढ़ पाए और वास्तव में राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू हो पाया तो धामी देश में ऐतिहासिक काम करने वाले गिने जाएंगे। सीएम धामी के सामने भू कानून को लेकर एक बड़ी चुनौती बची हुई है। इस मसले पर उनके पास मौका है और विधानसभा में उनकी सामर्थ्य भी दिखती है।
पिछले कुछ महीनों में उनकी जो छवि जनता के बीच बनी है उसमें वो आसानी से मिलने जुलने वाले और सख्त फैसले लेने वाले दिखते हैं लेकिन अभी उन्हें लंबा वक्त गुजारना है। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कई मसलों पर उन्हें राज्य की जनता की उम्मीदों के अनुरूप खड़ा होना है। पर्वतीय इलाकों से पलायन रोकने के साथ ही इन इलाकों में आजीविका के साधनों का पर्याप्त इंतजाम करना भी उनके एजेंडे में होगा ही।
दिल्ली दरबार में उनकी अच्छी पैठ दिखती है। पीएम से मुलाकात की उनकी तस्वीरें बताती हैं कि सब कुछ बड़ा ‘फ्रेंडली’ सा है। पार्टी में भी उनकी पैठ अच्छी दिखती है। हालांकि कह सकते हैं कि No danger is more dangerous लिहाजा उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास को देखते हुए सीएम धामी को अगले पांच सालों के लिए न सिर्फ नजरों को दुरुस्त रखना होगा बल्कि दिमाग को भी तंदुरुस्त भी रखना होगा।
अंत में जन्मदिन की शुभकामनाएं।