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कुमाऊँ

सच में साकार होगा टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सपना


पर्वत प्रेरणा ब्यूरो
हल्द्वानी/टनकपुर। टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाइन निर्माण की मांग अंग्रेजों के शासनकाल यानि 1912 से होती आई है। कई बार सर्वे होने पर भी आज तक इस रेल लाइन का निर्माण नहीं हो सका। बीते दिवस प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की। इस दौरान रेल मंत्री ने टनकपुर -बागेश्वर रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी दी है। इस समाचार को पढ़ने के बाद लोगों में फिर से उम्मीद जग गई है। क्या? टनकपुर-से बागेश्वर रेल लाइन का सपना पूरा हो पायेगा । यह सब भविष्य के गर्त में है।
इससे पूर्व कई बार पुरवोत्तर रेलवे ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे कर रेलवे बोर्ड को भेजा है। टनकपुर से बागेश्वर तक 6966.33 करोड़ की लागत से 154.58 लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाने का प्रस्ताव था। परन्तु आज तक यह सब कागजों में ही रह गया। इस रेल लाइन के निर्माण से चंपावत, पिथौरागढ़,अल्मोड़ा और बागेश्वर तक के जिले लाभान्वित होने और सफर सुगम हो सकेगा।

गौरतलब है कि टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन बिछाने की मांग लंबे समय से कुमाऊँ की जनता उठाती रही है। इसको लेकर सालों से आंदोलन भी चल रहे हैं। रेलवे ने वर्ष 2006-07 में भी रेल लाइन का सर्वे किया था। इसके बाद आगे की कार्यवाही ठंडे बस्ते में पड़ी रही। कई बार जनांदोलन के बावजूद रेलवे ने 2019-20 में भी दोबारा से रेलवे लाइन के लिए सर्वे का काम शुरू किया था। तत्कालीन इज्जतनगर मंडल के डीआरएम आशुतोष पंत ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन सर्वे का काम पूरा कर 9 नवम्बर को सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी थी। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 13 क्रासिंग स्टेशन और एक टर्मिनल स्टेशन बनाये जाने का प्रस्ताव दिया था। जिनमें पहला स्टेशन टनकपुर, पूर्णागिरि रोड, कालदूँगा, पोलाबन, धनोर, पंचेश्वर, कारीघात, बिरकोला, नयाल, सल्यूर, जमनी, रालखोलीचक और बागेश्वर में बनने को कहा था।
इस सर्वे में 93 बढ़े और 183 छोटे ब्रिज बनाने की योजना थी। इसके साथ ही दो ओवर ब्रिज और तीन अंडर ब्रिज भी बनाए जाने थे। इसके अलावा 72 टनल भी बनेंगे। सबसे बढ़ा टनल 4.75 किमी का बनेगा। सभी टनलों की कुल लंबाई 53.44 किलोमीटर होगी। वर्षों से चली आ रही मांग के बाद टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन निर्माण के लिए फाइनल सर्वे होने की बात से लोगों में उम्मीद जगने लगी है कि अब इस रेल लाइन का सपना अवश्य साकार होगा।

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