कुमाऊँ
दारमा घाटी में सड़क मार्ग की भयावह स्थिति,जान जोखिम में डालकर आते-जाते हैं स्थानीय लोग
सीमान्त क्षेत्र दारमा घाटी के लिए धारचूला के तवाघाट से रास्ता है, हालांकि इस घाटी में रोड कट चुकी है लेकिन बीते दिनों हुई बारिश से यह मोटर मार्ग ध्वस्त हो चुका है, यहां अब लोग 50 से 60 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हैं।
सेला से नागलिंग, दुक्तु, दातु, गो गांव के लोग जोखिम भरे पैदल मार्ग से आने जाने को मजबूर हैं। ऐसे में कब पहाड़ टूटकर नीचे आ जाय कहा नहीं जा सकता। स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर जरूरत का सामान लेने मुख्य कस्बे तक आते रहते हैं। चीन, नेपाल जैसे सीमान्त क्षेत्र से जुड़े इस हिमालयी भू भाग में अभी भी सड़कों के हालात नहीं सुधर पाये हैं। जो सड़क बनी भी हैं। वह हाल ही के दिनों हुई भयावह बारिश,भूस्खलन से तबाह हो गई हैं।
दारमा घाटी, पंचाचुली बेस कैंप के साथ ही सिनला पास होते हुए व्यास घाटी के ज्योलिंगकोंग की साहसिक यात्रा करने वाले पर्यटको के लिए प्रसिद्ध है। यहां की परेशानी इन जोखिम भरे रास्तों से गुजर रहे बच्चे खुद बयां कर रहे हैं। आइये इन्हीं के मुंह से सुनते हैं।
-केशव भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार
















