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नवबंर माह से वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच करेंगी ईटली की मशीने
पुराने वाहन व शक्तिमान वाहन इससे रहेंगे वंचित
रिपोर्ट – विनोद पाल
टनकपुर। जिले के पहले ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। नवंबर माह से वाहनों की फिटनेस का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसके लिए नायकगोठ में बने फिटनेस सेंटर के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। वहीं आरएस लाॅजिस्ट कंपनी द्वारा विदेश से फिटनेस मशीने भी मंगा ली गई है। अगले सप्ताह तक मशीने भी टनकपुर पहुंच जाएगी। जांच के बाद फिटनेस का कार्य शुरू हो जाएगा। वहीं परिवहन कार्यालयों में वाहनों की फिटनेस की जांच प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी। वाहनों की फिटनेस पूर्ण रूप से डिजिटल होगी। साथ ही सड़कों में दौड़ रहे कंडम वाहनों का बाहर होना तय है। इससे बनने के बाद फिटनेस कार्य में होने वाली हेरा-फेरी पर भी अंकुश लगेगा। मानकों में आने वाले वाहनों को फिटनेस संबंधी दस्तावेज मिलेगा। ऐसे में वाहन फिट होने पर ही सड़क पर दौड़ाने की मंजूरी मिलेगी। आरएस लाॅजिस्ट कंपनी के एमडी अभय झां ने बताया कि करीब ऑटोमेटिक फिटनेस 5 करोड़ रूपये की लागत से बना हुआ है। जो भवन पूर्ण रूप से बन चुका है। जिसके लिए हाईटेक मशीने ईटली से भारत मंगा ली गई है। कुछ दिनों बाद मशीनों को टनकपुर मंगा लिया जाएगा। वहीं मशीनों को लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। मशीने लगने के बाद जांच के बाद फिटनेस का कार्य शुरू हो जाएगा।
शक्तिमान वाहनों को फिटनेस में आ सकती हैं दिक्कते
शारदा नदी खनन क्षेत्र व वन निगम में लगे पहाड़ी क्षेत्रों में ढुलान का कार्य कर रहे शक्तिमान वाहन काफी पुराने होते है। जिन्हें ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर में फिटनेस के दौरान दिक्कते आ सकती है। इन फिटनेस सेंटरों में नये व मानक के रूप चलने वाले वाहनों को फिटनेस सार्टिफिकेट दिया जाता है। यह शक्तिमान वाहन शारदा नदी में खनन कार्य में लगे हुए है, जो गहरी नदी से भी रेता, बजरी, पत्थर आसानी से भरकर लाते है।
यह वाहन आर्मी द्वारा रिटायर्ड किए हुए वाहन होते है। हांलाकि इन वाहनों में काफी कमी आ गई। पूर्व में शक्तिमान वाहन टनकपुर व चल्थी क्षेत्र में 400 के करीब थे, लेकिन अब इनकी संख्या घट कर 100 के करीब रह गई है।
फिटनेस सेंटर का कई जिलों में हो रहा विरोध
वाहन फिटनेस सेंटर हर जिले में एक-एक बनाया जा रहा है। जिनका कई जगह विरोध भी किया जा रहा है। लोगों ने नये फिटनेस सेंटर बंद कर पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई है। इस संबंध में ट्रांसपोर्टर रूद्रपुर, काशीपुर, देहरादून व अन्य कई जिलों में इसका विरोध किया जा रहा है।