उत्तराखण्ड
जोशीमठ होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी,असुरक्षित भवनों के ध्वस्तीकरण पर मनोहरबाग वार्ड के प्रभावित अड़ गए
जोशीमठ।होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी,असुरक्षित भवनों के ध्वस्तीकरण पर मनोहरबाग वार्ड के प्रभावित अड़ गए।
जोशीमठ में होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी है, लेकिन दूसरी तरफ असुरक्षित भवनों के ध्वस्तीकरण पर मनोहरबाग वार्ड के प्रभावित अड़ गए हैं। प्रभावितों के आक्रोश के चलते यहां काम रोका गया है।
प्रभावितों ने प्रशासन के रवैए से पर नाराजगी जताते हुए काम रुकवा दिया है। जबकि अन्य दो होटल माउंट व्यू वह मलारी इन के साथ ही एक घर को तोड़ने का कार्य जारी है।जोशीमठ शहर में दारार वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 14 और भवन इस सूची में जुड़ गए। कुल दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है।
वहीं सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद पहुंचाई जा सके।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि उन्होंने कहा कि अब तक प्रभावित आठ किरायेदारों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से चार लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में दी गई है। सरकार की मानें तो ध्वस्त किए जाने वाले भवनों की संख्या और बढ़ सकती है।
सीबीआरआई की ओर से सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद इनकी सूची जारी की जाएगी।बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है। एक दिन पहले यहा 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो फिर 250 एलपीएम दर्ज किया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवतः बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
जैैसे-जैसे सर्वे का काम आगे बढ़ रहा है, दरार वाले भवनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक 20 के करीब भवनों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनकी संख्या और बढ़ सकती है।