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कुमाऊँ

पत्रकारों को प्राथमिकता से लगाएं वैक्सीन: भावना पांडे

  • पत्रकारों को फ्रंटलाइन कोरोना वारियर घोषित करे सरकार
  • पत्रकारों के कोरोना से निधन होने पर शोक जताया

देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कोरोना से हो रही पत्रकारों के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई पत्रकार असमय ही कोरोना के शिकार हो गये हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों को फ्रंटलाइन कोरोना वारियर घोषित किया जाएं और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन लगाई जाएं। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चैथा स्तंभ है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन पत्रकारों को वैक्सीन नहीं लगा सकती है तो वो स्वयं इनके लिए वैक्सीन की व्यवस्था करेंगी।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के कई पत्रकारों का कोरोना के कारण का निधन हो गया। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र जोशी और 25 साल के युवा पत्रकार राहुल जोशी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार डाक्टरों और पुलिसकर्मियों की भांति ही अपने जीवन को दांव पर लगा रहे हैं। ये पत्रकार हम तक खबरों को पहुंचाने के लिए कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद अपने काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों को मजबूरी में भी खबर लाने के लिए जाने पड़ रहा है क्योंकि उनकी नौकरी तभी है जब वो समाचार संकलन करें। उन्होंने कहा कि इन सभी पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड 19 से बचाव के लिए वैक्सीन लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो इज्जत आज डाक्टरों और पुलिसकर्मियों को मिल रही है वही इज्जत के हकदार पत्रकार भी हैं। उनकी कोरोना काल में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। कोरोना काल में उनका स्वास्थ्य बीमा होना चाहिए और उन्हें कैशलेस इलाज मिलना चाहिए। छोटे और मंझोले पत्रकारों को जीवनयापन के लिए सूचना विभाग से न्यूनतम विज्ञापन मिलना चाहिए ताकि इनकी दाल-रोटी चल सकें। भावना पांडे ने कहा कि आज उन्हें बडा दुख है कि मंत्री और मेयर भी गौलाघाट श्मसान घाट के उद्घाटन में पहुंच रहे हैं। ये लोग नये श्मसान घाट बना रहे हैं। इन नेताओं ने तो नये अस्पताल बनाए और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं ही जुटाईं। दवाएं भी नहीं मिल रही हैं, आक्सीजन नहीं मिल रही है, आईसीयू बेड नहीं मिल रहे हैं। मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ रहे हैं।

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भावना ने कहा कि पत्रकारों को कोरोना संक्रमण होने पर प्राथमिकता के तहत इलाज मिले। उसको आईसीयू बेड मिलना चाहिए। उन्होंने हल्द्वानी के पत्रकारों को कहा कि यदि सरकार पत्रकारों को कोविड वैक्सीन नहीं लगाती है तो वो 100 पत्रकारों को वह स्वयं अपने खर्च पर वैक्सीन लगवाएगी।

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