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लालकुआं -यहाँ दलित पूर्व पुलिस अधिकारी की जमीन पर अवैध कब्जा, पुलिस पर लगा ये आरोप

मीनाक्षी

लालकुआं- लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत बिन्दुखत्ता में एक दलित पूर्व पुलिस अधिकारी की जमीन पर जबरन कब्जा कर उसमें निर्माण करने का मामला सामने आया है। विपक्षी ने पीड़ित की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर उसमें भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। पीड़ित का आरोप है कि विरोध करने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं पीड़ित का आरोप है कि स्थानीय पुलिस भी उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रही है। पीड़ित ने मामले की शिकायत एसपी सिटी प्रकाश चन्द्र आर्य से की है। जिसके बाद एसपी सिटी प्रकाश चन्द्र आर्य ने मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी लालकुआं को सौपी है। वही पीड़ित ने मामले की शिकायत कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से भी है। बताते चलें कि बिन्दुखत्ता स्थित राजीव नगर प्रथम कारारोड निवासी पुलिस के पूर्व सबइंस्पेक्टर हीरा लाल आगरी ने एसपी सिटी को दिए गए शिकायती पत्र में कहा कि बर्ष 2002 में उसके घर आगे सड़क किनारे निवास करने वाले पड़ोसी गुलाब राम पुत्र बच्ची राम से 50 हजार रुपए में जमीन खरीदी थी। जिसके बाद से उक्त जमीन पर उसने द्वारा तार-बाढ़ करके जमीन की देखभाल उसके परिवार और उसके द्वारा की जा रही थी। पीड़ित ने बताया कि वह पिछले लम्बे समय से बिमारी की चपेट में हैं जिस कारण उक्त जमीन पर किसी तरह का निर्माण नहीं कर सका। उसने बताया कि बीती 27 अप्रैल की सुबह लगभग 8 बजे बिन्दुखत्ता ट्रोली लाइन इन्द्रनगर द्वितीय निवासी रमेश चन्द्र मिश्रा उसका बेटा हेम चन्द्र मिश्रा सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग उसकी जमीन पर ट्रैक्टर ट्राली लेकर आ धमके तथा उसके द्वारा जमीन की सुरक्षा में लगाई गई तार बाढ़ को तोड़कर ट्रैक्टर ट्राली उक्त जमीन पर घुसा दी।जिसमें ईटें लदी हुई थी। पीड़ित ने बताया कि जब उसके द्वारा उक्त लोगों का विरोध किया गया तो उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए डूमड़ा, हरिजन कहते हुए उसे गंदी गंदी गालियां देनी शुरू कर दी इतना ही नहीं उन्होंने उसके साथ मारपीट भी की। जिसमें उसके सर में चोट भी आई। पीड़ित ने बताया कि उसके द्वारा भारी विरोध करने के बाद उसकी एक न चली। जिसके बाद मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों कोतवाली में बुलाया जहां पर पीड़ित ने मौजूद पुलिस अधिकारियों को अपनी आपबीती सुनाते हुए कोतवाली पुलिस को एक शिकायती पत्र देकर भूमि खाली कराए जाने एवं आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी और मदद करने से भी इंकार कर दिया। इस बीच दूसरे पक्ष के लोग भी कोतवाली पहुंच गए। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों के सामने जमीन कब्जा करने लोगों ने उसे धमकाया। पीड़ित ने पुलिस प्रशासन पर आरोपियों से मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस भी आरोपियों के पक्ष में काम कर रही है। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, कुमाऊं कमिश्नर, ज़िला अधिकारी नैनीताल, के आलावा एसएसपी नैनीताल, उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग को भी पत्र भेजकर की है। जिसमें उसने पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। इधर शनिवार की दोपहर पीड़ित ने एसपी सिटी प्रकाश चन्द्र आर्य से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित ने एसपी सिटी से कहा कि आरोपियों द्वारा उसकी जमीन पर जबरन कब्जा कर तेजी से अवैध भवन निर्माण किया जा रहा है तथा उसके द्वारा विरोध करने पर स्थानीय पुलिस उसे और उसके परिवार को जेल भेजने की धमकी दे रही है। उसने एससी एसटी से अपील की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएं। पीड़ित का कहना है कि अगर जल्द ही की न्याय नहीं मिलता है तो वह और उसका परिवार गंभीर कदम उठाने पर मजबूर होगा। इधर एसपी सिटी प्रकाश चन्द्र आर्य ने मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी लालकुआं को सौपी है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

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