उत्तराखण्ड
अपने कर्मों को देखें हरीश रावत: रंजीत
राजनीति का स्तर कहाँ तक पहुँच गया यह देखना हो तो सल्ट के उपचुनाव में हो रही बयानबाजी पर गौर करें। अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खास सलाहकार रहे सल्ट के पूर्व विधायक रंजीत रावत ने हरीश रावत पर ही निशाना साधना शुरू कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में अभी भी गुटवाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। माना जा रहा है कांग्रेस में अभी भी दो गुट सक्रिय हैं।
बता दे सल्ट विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जमकर इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। कभी उनके करीबी कहे जाने वाले उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और सल्ट के पूर्व विधायक रंजीत रावत ने हरीश रावत को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। रंजीत का कहना है कि सल्ट विधानसभा के उपचुनाव में अपने गुट की गंगा पंचोली को जिताने के लिए भले ही हरीश रावत इमोशनल कार्ड खेल रहे हों, या देवी-देवताओं तक का आह्वान कर रहे हों, लेकिन हमारे देवता उसकी पुकार कैसे सुन सकते हैं, जिसने सत्ता बचाने के लिए उनकी बलि चढ़ाई। रंजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत को अपने कर्मो को देखना चाहिए। उन्हें यह भी देखना चाहिए कि वो अपील क्या कर रहे हैं, रंजीत यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक पत्ते में चावल का दाना रखने पर भी भगवान पुकार सुनते हैं। लेकिन भगवान उन्हीं की सुनते हैं, जिनका मन साफ हो, दरअसल सल्ट के पूर्व विधायक रंजीत रावत उपचुनाव में अपने बेटे के लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। कहा जा रहा है कि हरीश रावत की आलाकमान तक पहुंच के चलते रंजीत रावत के बेटे को टिकट नहीं मिला। जिसके बाद से ही रंजीत रावत खासे नाराज चल रहे हैं। यहां तक कि वो चुनाव प्रचार में भी नहीं गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार गंगा पंचोली के प्रचार में बीमार होने के कारण हरीश रावत अभी तक नहीं पहुंच पाए थे। जिस कमी को पाटने के लिए बीते दिनों उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कई वीडियो जारी किए थे। इन वीडियो में हरीश रावत सल्ट की जनता को इमोशनल तरीके से कांग्रेस के पक्ष में लाने की अपील करते दिखाई दिए। ऐसे में जब उपचुनाव में कुछ ही दिन शेष बचे हैं, रंजीत रावत द्वारा हरीश रावत की खुली खिलाफत कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।