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गढ़वाल

पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी सेना में जल्द संभालेंगी लेफ्टिनेंट का कार्यभार

कश्मीर में हुए पुलवामा अटैक आप सभी को याद ही होगा जिसके बाद से विपक्ष ने केंद्र के ऊपर हमला बोलना शुरू कर दिया था, अब आपको बता दे उस पुलवामा अटैक में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नीतिका ढौंडियाल 29 मई को सेना की वर्दी पहनने के लिए तैयार हैं। नीतिका ढौंडियाल 29 मई को भारतीय सेना की आधिकारिक वर्दी पहनने के साथ ही लेफ्टिनेंट बन जाएंगी।

कश्मीर के पुलवामा में 18 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। इसके बाद निकिता ने पति के नक्शे कदम पर चलते देश सेवा करने की ठान ली। उस दौरान नीतिका नोएडा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थीं। जिसे छोड़ कर नीतिका ने दिसंबर 2019 में इलाहाबाद में वुमेन एंट्री स्कीम (डब्ल्यूईएस) की परीक्षा दी थी, जिसे पिछले साल वो पास कर चुकी थीं।परीक्षा पास करने के बाद नीतिका ने स्क्रीनिंग टेस्ट, साइकोलॉजिकल टेस्ट, ग्राउंड टेस्ट, इंटरव्यू, मेडिकल टेस्ट में पास होने के बाद, मार्च 2020 में मेरिट लिस्ट में उनका चयन किया गया। साथ ही ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से नीतिका को कॉल लेटर आया। जिसके बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली। अब निकिता ने ट्रेनिंग पुरी कर ली है। बतौर लेफ्टिनेंट सेना में शामिल होने के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं। 29 मई को नीतिका अधिकारिक रूप से सेना की वर्दी पहनेंगी।शनिवार को निकिता लेफ्टिनेंट बनने के साथ ही देश की सेवा में जुड जाएंगी।

लेफ्टिनेंट कर्नल विकास नौटियाल ने बताया कि 29 को निकिता पास आउट हो जाएंगी। इस समारोह में उसके पिता फरीदाबाद से जाएंगे। अन्य परिजनों को भी जाना था, लेकिन कोरोना की वजह से नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पास आउट होने के बाद वे 21 दिन के लिए छुट्टी पर आ रही हैं। चेन्नई से वे सीधा अपने पिता के पास फरीदाबाद जाएंगी। उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर वे देहरादून आएंगी।प्रेम कहानी, जो बनती है प्रेरणा :विभूति जब एमबीए कर रहे थे तब निकिता की मुलाकात उनसे हुई थी. दोनों की शादी के नौ महीने बाद ही विभूति शहीद हुए लेकिन निकिता ने उन्हें कभी खुद से दूर महसूस नहीं किया. ‘विभु’ की यादों और शब्दों से ही प्रेरित होकर निकिता ने नोएडा बेस्ड मल्टीनेशनल कंपनी का जॉब छोड़कर सेना में जाने की ठानी.‘ताकि विभु को मुझ पर गर्व हो.’ यह कहने वाली ​निकिता ने कहा था ‘ पहले तो मुझे खुद को यह यकीन दिलाना पड़ा था कि हो क्या गया! विभु प्रोग्रेसिव थे, वो मुझे खुद से भी आगे देखना चाहते थे इसलिए सेना में जाने के कठिन फैसले के समय जब कभी चिंता ने घेरा तो विभु की यादों ने संभाला. सेना जॉइन करने के मेरे निर्णय की वजह विभु ही रहे.’ अंतिम संस्कार से पहले ‘विभु’ के कान में ‘आई लव यू’ कहने वाली निकिता ने वह कर दिखाया है, जिससे मेजर विभूति ही नहीं, सभी को वाकई उन पर गर्व हो।

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