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बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन पर पर्वतारोहण तय, शिक्षकों की तबादला नियमावली तैयार

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने शिक्षकों के तबादले को लेकर नई नियमावली तैयार कर ली है। इस नियमावली में खास प्रावधान किया गया है कि यदि किसी शिक्षक का लगातार दो साल तक 10वीं या 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम खराब रहता है, तो उसका तबादला अनिवार्य रूप से पर्वतीय क्षेत्र में किया जाएगा। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा।शिक्षा विभाग के मुताबिक यह नियमावली तबादला एक्ट-2017 के तहत बनाई गई है, लेकिन इसमें शिक्षकों के लिए अलग से विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं। राज्य को सुगम-दुर्गम की जगह अब पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में बांटा गया है। सेवा के अंकों के आधार पर शिक्षकों की तबादला सूची तैयार की जाएगी।शिक्षकों के तबादले अब पूरी तरह से ऑनलाइन होंगे। इसके लिए एक खास सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। जिन शिक्षकों के पास 16 अंक या उससे अधिक होंगे, वे पर्वतीय या मैदानी क्षेत्र में अनिवार्य तबादले के लिए पात्र माने जाएंगे।पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर को उच्च पर्वतीय जिलों में रखा गया है। वहीं टिहरी, अल्मोड़ा, चंपावत, पौड़ी, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और देहरादून के पहाड़ी हिस्सों को निम्न पर्वतीय क्षेत्र माना जाएगा।तबादलों की प्रक्रिया हर साल 1 जनवरी से शुरू होगी और 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि तबादला शिक्षक का मूल अधिकार नहीं माना जाएगा। अगर नियमावली में किसी बिंदु पर व्यवहारिक दिक्कत आती है तो सरकार उसका समाधान करेगी।तबादलों की प्रक्रिया हर साल 1 जनवरी से शुरू होगी और 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि तबादला शिक्षक का मूल अधिकार नहीं माना जाएगा। अगर नियमावली में किसी बिंदु पर व्यवहारिक दिक्कत आती है तो सरकार उसका समाधान करेगी।अविवाहित महिला शिक्षकों को शादी के बाद पति के कार्यस्थल या गृह जिले में तबादले की सुविधा पूरे सेवाकाल में एक बार दी जाएगी। शिक्षक को पूरे सेवाकाल में एक बार संवर्ग परिवर्तन की भी छूट दी जाएगी, बशर्ते वह तीन साल सेवा कर चुका हो। एससीईआरटी, सीमैट और डीआईईटी जैसे संस्थानों में तैनात शिक्षकों के तबादले भी इसी नियमावली के तहत होंगे।पर्वतीय क्षेत्र में अधिकतम 5 साल और मैदानी क्षेत्र में भी अधिकतम 5 साल की सेवा सीमा तय की गई है। इससे बार-बार एक ही जगह जमे रहने वाले शिक्षकों पर रोक लगेगी।

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