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उत्तराखण्ड

नन्दा गौरा देवी कन्या धन योजना में की अनिवार्यता

रानीखेत। प्रदेश सरकार ने नन्दा गौरा देवी कन्या धन योजना में इस बार 2011 के आर्थिक सर्वे में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता कर दी है। ऐसे में कई लोग योजना के मानक पूरे नहीं कर पा रहे हैं। मानकों की जटिलताओं को पूरा करने में अभिभावकों और छात्राओं के पसीने छूट रहे हैं। इतना ही नहीं निर्धन परिवारों की छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित हो रही हैं।

बता दें कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से नन्दा गौरा देवी कन्या धन योजना का संचालन किया जाता है। जिसमें पहली व दूसरी बच्ची के जन्म से छह माह तक आवेदन पर 11 हजार और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार की धनराशि दी जाती है। योजना के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग आवेदन करते हैं, लेकिन दिसंबर माह से पात्रता के मानक बदल दिए गए हैं।

आपको बता दें कि इस बार प्रारुप में दिए विवरण में पहली बार वर्ष 2011 के आर्थिक सर्वे में नाम मांगा जा रहा है। जबकि सर्वे में बहुत कम लोगों का नाम है। वहीं खाता-खतौनी, मकान विवरण, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक डिटेल, तीन साल के पानी व बिजली के बिल, छात्राओं का पैन कार्ड सहित विगत तीन वित्तीय वर्ष की बैंक स्टेटमेंट की जानकारी मांगे जाने से भी कई आवेदकों को दिक्कत हो रही है।

इससे पहले अभी तक बीपीएल कार्ड, आय प्रमाणपत्र से ही आवेदन किया जाता था। लेकिन इस बार पात्रता के मानक बदले जाने से दस्तावेज जुटाने में ही आवेदकों के पसीने छूट रहे हैं। प्रारूप इतना जटिल है कि सामान्य व निर्धन परिवार के लोग इसकी औपचारिकता पूरी ही नहीं कर पा रहें हैं। इन जटिलताओं के चलते निर्धन परिवारों की छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित हो रही हैं।

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जिला पंचायत सदस्य शोभा रौतेला का कहना है कि एक तरफ भाजपा सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, और दुसरी तरफ सरकार नन्दा गौरा देवी कन्या धन योजना जैसी सरल योजना को जटिल बना देती है। जिससे सरकार के आर्थिक सर्वे को पात्रता का आधार बनाने से आय प्रमाण पत्र और बीपीएल कार्ड किसी काम नहीं आ रहे है। जिससे कई पात्र आवेदक पात्रता से बाहर हो गए हैं।

उन्होंने सरकार से योजना के लिए पात्रता मानकों को सरल बनाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर वह सशक्त बनाना है। लेकिन सरकार ने इस योजना की जटिल प्रक्रिया ने योजना को छात्राओं के लिए अलाभकारी व अकारथ बना दिया है।

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