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उत्तराखण्ड

अपोलो की पहल,कैंसर व ऑर्थोपेडिक सर्जरी में नई राह

पर्वत प्रेरणा संवाददाता

हल्द्वानी। दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञ हल्द्वानी पहुंचे और कैंसर व आर्थोपेडिक सर्जरी की नवीनतम तकनीकें साझा कीं। प्रेस वार्ता में कहा गया कि महानगरों से बाहर भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी पहुँचाना अपोलो का संकल्प है।
अपोलो हॉस्पिटल्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के क्लिनिकल लीड डॉ. (प्रो.) एस.वी.एस. देव ने बताया कि न्यूनतम इनवेसिव तकनीक, सटीक सर्जरी और साक्ष्य-आधारित प्रोटोकॉल ने कैंसर रोगियों के परिणामों में बड़ा सुधार किया है।
उन्होंने कहा अब न केवल मरीजों की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, बल्कि उपचार के बाद जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है। हमारा लक्ष्य है कि रोगियों को कम से कम विश्वस्तरीय देखभाल मिले। घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. यतिंदर खरबंदा ने बताया कि रोबोटिक सहायता प्राप्त जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से सटीकता और सुरक्षा दोनों बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा रोबोटिक तकनीक इम्प्लांट को सही संरेखण देती है, जबकि आर्थोस्कोपी से मरीज को तेज़ रिकवरी, कम दर्द और बेहतर गतिशीलता मिलती है। यह केवल तकनीक का विकास नहीं, बल्कि मरीजों की स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता लौटाने का साधन है।”
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक शिवकुमार पट्टाभिरामन ने कहा कि कैंसर और ऑर्थोपेडिक्स जैसे क्षेत्र सीधे जीवन की गुणवत्ता से जुड़े हैं। महानगरों से परे इस विशेषज्ञता को साझा करना हमारी ज़िम्मेदारी है। हम चाहते हैं कि डॉक्टर और मरीज दोनों इन नवाचारों से लाभान्वित हों।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से कुमाऊँ क्षेत्र के मरीजों को दिल्ली जाने पर निर्भरता कम होगी। स्थानीय डॉक्टर भी आधुनिक सर्जिकल प्रोटोकॉल और तकनीकों सपरिचित होंगे। यह आयोजन नैदानिक संवाद का प्रभावी मंच साबित हुआ, जिसने अपोलो हॉस्पिटल्स की उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय के और करीब ला दिया।

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