कुमाऊँ
नौकरी नहीं तो वोट नही
उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन के अध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना है उत्तराखंड रोडवेज के मृतक आश्रितों ने वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। उत्तराखंड रोडवेज के समस्त मृतक आश्रितों की राज्यपाल और चुनाव आयोग से एक ही मांग है। हम रोडवेज मृतक आश्रितों को इसी वर्ष अनुकंपा के आधार पर अतिशीघ्र परिवहन निगम में समायोजित किया जाए अन्यथा इस बार वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव का उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन अपने पदाधिकारियों की आपसी सहमति के साथ चुनाव बहिष्कार करेगा। क्योंकि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने वर्ष 2022 चुनावी घोषणा पत्र में उत्तराखंड रोडवेज के मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर परिवहन निगम में समायोजन से संबंधित विषय को नहीं रखा है जिसका उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन घोर निंदा करता है हमारे संगठन के पदाधिकारियों में अध्यक्ष गौरव शर्मा,महामंत्री नमांशु,कोमल अंकित जोशी,सचिन आर्या,श्रवण सिंह,रोहित चंद,पंकज पंत संगठन संरक्षक गंगा गिरी गोस्वामी ने संगठन की वर्चुअल बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
हम रोडवेज मृतक आश्रितो ने अपने पिता को खोया है और जिसके सिर से पिता का साया उठ जाता है। इस दर्द को वही समझ सकता है। हम रोडवेज मृतक आश्रित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से देहरादून मुख्यमंत्री आवास बीजापुर गेस्ट हाउस में जाकर भी मिलकर आए।श्री धामी के कई बार खटीमा आगमन पर भी रोडवेज मृतक आश्रितो ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
संगठन के द्वारा कई बार चंपावत विधानसभा क्षेत्र के विधायक कैलाश गहतोड़ी को भी अवगत कराया गया। इसके बावजूद हम रोडवेज मृतक आश्रितो की इस ज्वलंत समस्या का कोई समाधान उत्तराखंड सरकार के द्वारा नहीं किया गया। इसके बाद हमारे संगठन को मजबूरी में नानकमत्ता विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा के दरवाजे खटखटाने पड़े और विधायक प्रेम सिंह राणा ने हमारे संगठन की हर संभव मदद भी की। जो कार्य हमारे चंपावत क्षेत्र के विधायक को करना था वह कार्य नानकमत्ता विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा ने करके दिखाया और अपने लेटर हेड पर लिखकर सीधा मुख्यमंत्री धामी को हम रोडवेज मृतक आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर परिवहन निगम में नियुक्ति से संबंधित समस्या से अवगत कराया था। लेकिन आदर्श आचार संहिता लगने के कारण हम रोडवेज मृतक आश्रितों को परिवहन निगम में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं मिली है। उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन का एक ही नारा है नहीं किसी से भीख मांगते हम अपना अधिकार मांगते हैं,नौकरी दो नौकरी दो उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रितों को नौकरी दो नौकरी नहीं तो वोट नहीं