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उत्तराखण्ड

अब सोशल मीडिया की लत का होगा मुफ्त इलाज, उत्तराखंड सरकार की नई पहल

सोशल मीडिया की बढ़ती लत (ई-एडिक्शन) से समाज को बचाने के लिए अब आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों) में इलाज की सुविधा विकसित की जाएगी। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए गठित गैप एनालिसिस कमेटी ने इस दिशा में अहम सिफारिशें दी हैं, जिन्हें जल्द लागू किया जाएगा।

मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण समाज में ई-एडिक्शन तेजी से बढ़ रहा है। विशेष रूप से युवा और बच्चे इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर इतना निर्भर हो गए हैं कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने समय रहते उपचार सुविधा विकसित करने की जरूरत बताई है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, गैप एनालिसिस कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनमें सोशल मीडिया की लत से बचाव के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में काउंसलिंग सुविधा उपलब्ध कराने की सिफारिश भी शामिल है। इस योजना को जल्द लागू किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग ई-एडिक्शन से बचाव के लिए जागरूक हो सकें और समय रहते उपचार प्राप्त कर सकें।

उत्तराखंड में 1,600 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यरत हैं, जो राज्य की पूरी आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इन केंद्रों में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं, जो हेल्थ स्क्रीनिंग, प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य परामर्श का कार्य करते हैं। अब इन केंद्रों में ई-एडिक्शन से बचाव के लिए काउंसलिंग की सुविधा भी जोड़ी जाएगी, जिससे लोग इस समस्या से समय रहते बचाव कर सकें।

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पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की लत खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। अब यह समस्या बच्चों और युवाओं के साथ ही वयस्कों को भी प्रभावित कर रही है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नारायण जीत सिंह का कहना है कि ई-एडिक्शन से बचाव के लिए कम्युनिटी स्तर पर प्रयास करना बेहद जरूरी है ताकि लोग जागरूक हो सकें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें।

सोशल मीडिया की लत के कारण कई मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

अवसाद (डिप्रेशन) और मानसिक तनाव

नींद की समस्याएं (अनिद्रा, थकान)

भावनात्मक अस्थिरता और एकाकीपन

गर्दन और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं

अत्यधिक लत से मनोरोग जैसी स्थिति

उत्तराखंड सरकार द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में ई-एडिक्शन उपचार सुविधा जोड़ने का निर्णय स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल युवा पीढ़ी को सोशल मीडिया की लत से बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार की यह पहल आने वाले समय में पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकती है, जिससे अन्य राज्य भी प्रेरित हो सकते हैं।

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