उत्तराखण्ड
अब स्कूलों में पढ़ा जाएगा राज्य आंदोलन का इतिहास, तैयार हो रही किताबें
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब बच्चे राज्य आंदोलन का इतिहास भी पढ़ सकेंगे। इसके अलावा राज्य के प्रमुख त्योहार, मेले और उत्सव के बारे में भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को पुस्तक तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।
प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई जाएगी स्थानीय बोली भाषा
जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि छात्र-छात्राओं को स्थानीय बोली भाषा की जानकारी के लिए प्राथमिक स्तर पर गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में पढ़ाया जाएगा। एससीईआरटी की ओर से कक्षा एक से तीन तक के बच्चों के लिए पुस्तकें तैयार की गई हैं।
माध्यमिक स्तर पर पढ़ सकेंगे राज्य का इतिहास
जबकि माध्यमिक स्तर पर बच्चे राज्य का इतिहास, रीति रिवाज, भूगोल, मेले, उत्सव, प्रमुख त्योहार, राज्य आंदोलन का इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों की भूमिका और राज्य के प्रसिद्ध लोगों के बारे में पढ़ सकेंगे। इसके लिए विरासत नाम कि पुस्तक तैयार की जा रही है। इसके लिए राज्य के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से भी जानकारी मांगी गई है।