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गढ़वाल

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर एनयूजे उत्तराखंड ने किया पत्रकारों को सम्मानित

प्रिंट मीडिया के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया ने मूल अवधारणा को किया प्रभावित:भट्ट

लालढांग (हरिद्वार)। भारत में सिद्धांतवादी हिंदी पत्रकारिता के उद्भव को एक लंबा समय बीत गया है। पराधीन भारत में स्वाधीनता आंदोलन की अलख जगाने वाली पत्रकारिता कालांतर में जिस तरह व्यवसायीकरण की ओर बढ़ी है उसने पत्रकारिता की रीति, नीति में बड़े बदलाव किये हैं। यह बात नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं संरक्षक त्रिलोक चंद्र भट्ट ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर यहां आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कही।

उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया ने उसकी मूल अवधारणा को प्रभावित किया है, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए सिद्धांतवादी पत्रकारिता के उसके मूल स्वरूप में जिंदा रखा है।

श्री भट्ट ने कहा कि हमारे बीच बहुत से ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने शांति व युद्ध काल ही नहीं बल्कि कोरोना काल में फाके में दिन गुजारने के बावजूद अपने वसूल और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
उन्होंने कहा आज भी अपनी जान भी परवाह किए बिना देश दुनिया तक खबरें पहुंचाने के लिए हमारे पत्रकार साथी डटे हुए हैं।

हरिद्वार के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह सिद्धू ने हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियों और खबरों के प्रसारण और प्रकाशन में प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप को स्वस्थ पत्रकारिता के लिए गंभीर खतरा बताया।

युवा पत्रकार नवीन कुमार सूर्या ने पत्रकारिता में सुचिता लाने और बिना किसी दबाव के काम करने वालों को प्राथमिकता देने की बात कही। संगोष्ठी में नवीन चन्द्र पाण्डे, सूर्या सिंह राणा, अनिल शर्मा, सुशील बडोला ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सुशील बडोला, धन सिंह बिष्ट, हरपाल सिंह, राहुल शर्मा, संजय अग्रवाल, अनिल शर्मा, मुकेश कुमार सूर्या, दीपक नेगी, सूर्या सिंह राणा, नवीन चंद्र पांडे, अकरम फारूकी को भी हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों को मास्क और सैनिटाइजर का वितरण करते हुए सभी से मास्क लगाने और सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने का अनुरोध किया गया।

संगोष्ठी में पिथौरागढ़ के वरिष्ठ पत्रकार दीपक उप्रेती प्रशांत दीक्षित (नैनीताल) हसीन खान हल्द्वानी राजेंद्र जोशी (देहरादून) राहुल जोशी (हल्द्वानी) डॉक्टर मित्रानंद बडोनी (देहरादून) कुंदन सिंह राणा (हल्द्वानी) पनीनीराम आर्य (हल्द्वानी) के असमय निधन तथा जिन पत्रकारों ने कोरोना कारण अपने पारिवारिक सदस्यों को खोया है, उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखज्ञकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार धन सिंह बिष्ट ने किया ।

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