उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में शराब की दुकानों पर स्थानीय विरोध के चलते स्थायी बंदी के आदेश जारी
देहरादून. उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति लागू करते हुए उन शराब की दुकानों को स्थायी रूप से बंद करने के निर्देश जारी किए हैं, जहां स्थानीय लोगों का बार-बार विरोध सामने आता रहा है। 14 मई को आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने सभी जिला आबकारी अधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने उनसे यह जानकारी मांगी है कि उनके जिलों में कितनी ऐसी शराब की दुकानें हैं, जिनके खुलने पर स्थानीय लोगों का विरोध होता है।
आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनप्रतिरोध और स्थानीय भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इन दुकानों को स्थायी रूप से बंद किया जाए। इस निर्णय को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार लिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इन दुकानों के लाइसेंसधारकों ने पहले से कोई राजस्व जमा किया है, तो वह राशि उन्हें वापस कर दी जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अब तक अल्मोड़ा, देहरादून समेत कई जिलों में लगभग चार से पांच ऐसी शराब की दुकानें चिन्हित हुई हैं, जहां हर वित्तीय वर्ष में शराब की दुकान खोलने पर जनता का विरोध होता रहा है। इस कदम का मकसद स्थानीय जनसंवेदनाओं का सम्मान करना और शांति बनाए रखना बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नई नीति के तहत भविष्य में इस तरह की दुकानों को खोलने से पहले स्थानीय विरोध को गंभीरता से लिया जाएगा ताकि किसी भी तरह की सामाजिक असुविधा न हो।
















