उत्तराखण्ड
देहरादून अस्पताल में अचानक हुआ ऑक्सीजन लीकेज बड़ा हादसा होने से टला
कोरोना की दूसरी लहर के चलते जहां पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है वहां पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक बड़ा हादसा होते होते टल गया है बता दे राजकीय जिला अस्पताल के कोरोनेशन अस्पताल में बीते शनिवार की रात को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल अस्पताल परिसर के कोविड वार्ड के अंदर शनिवार की रात में ऑक्सीजन लाइन में लीकेज हो गई उसके बाद वहां पर हड़कंप मच गया और मरीजों की सांसें उखड़ने लगीं। वह तो सही समय पर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने परिस्थिति को संभाला वरना एक बड़ा हादसा हो जाता और कई बेकसूर हो की जान चली जाती।
बताया जा रहा है कि लाइन में कुछ तकनीकी दिक्कत आई थी और अब ठेकेदार की ओर से तक टेक्नीशियन को बुलाकर इश्यू सॉल्व करवाने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि अस्पताल में 100 कंसंट्रेटर मौजूद थे जिस वजह से मरीजों को दिक्कत नहीं हुई और सही समय पर स्थिति को संभाल लिया गया.दरअसल कुछ दिन पहले ही अस्पताल के नए भवन में यह कोविड वॉर्ड बनाया गया है जिसमें केवल कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इस वॉर्ड के अंदर ऑक्सीजन वाले 34 बेड बनाए गए हैं और सभी बेड फुल हो रखे हैं। 15 मरीज मुख्य भवन मेंऑक्सीजन कन्संट्रेटर पर भर्ती हो रखे हैं। बीते शनिवार की रात को अस्पताल में मौजूद मरीज ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं ऑक्सीजन सप्लाई पर थे कि तभी अचानक लाइन में लीकेज आ गई जिसके बाद सभी संक्रमित मरीजों की सांस अटक गई। इसके बाद आनन-फानन में पीछे से लाइन की सप्लाई को बंद किया गया और अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनोज उप्रेती एवं कोविड के नोडल अधिकारी डॉक्टर एनएस बिष्ट ने सिचुएशन को संभाला और सभी मरीजों को कंसंट्रेटर पर लेकर उनको ऑक्सीजन दी गई।
डॉक्टर एनएस बिष्ट ने बताया कि लाइन में कुछ दिक्कत आ गई थी जिस वजह से ऑक्सीजन लीक हो गई और तुरंत की ऑक्सीजन को बंद करवा कर सभी मरीजों को अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर शिफ्ट किया गया जिससे मरीजों को कोई भी दिक्कत नहीं हुई। उनका कहना है लाइन में तकनीकी खराबी आ गई थी और अब ठेकेदार की ओर से टेक्नीशियन को बुलाकर इसको ठीक करवाने का प्रयास किया जा रहा है।