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उत्तराखण्ड

पुलिस ने किया फंगस इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए तीन को गिरफ्तार

राज्य में पुलिस प्रशासन कालाबाजारी को लेकर इतना सख्त है लेकिन इसके बावजूद भी कालाबाजारी के मामले सामने आते जा रहे हैं कि ऐसा ही मामला देहरादून से सामने आ रहा है बता दे कि क्लेमेंटाउन थाना पुलिस ने फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही उनसे पांच इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। फिलहाल, पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।तिलक बाजार निवासी हिमांशु शर्मा ने पुलिस को डायल 112 पर सूचना दी कि उनकी एक रिश्तेदार फंगस से पीड़ित हैं और उनको इलाज के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन-50mg एडवाइज किया गया है, जो मार्केट से उपलब्ध नहीं हो पा रहा था और उन्हें एक शख्स ने मूल्य से अधिक पैसे की मांग में इंजेक्शन उपलब्ध करवाने को कहा।

इस सूचना पर थानाध्यक्ष क्लेमेंटाउन हिमांशू के निवास स्थान पर पहुंचे, जहां पर उसके परिजन मिले। जब हिमांशू से बात की गई तो उसने बताया कि उनकी रिश्तेदार ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं और हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती है, जिसको इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए कई लोगों को कॉल किया और फेसबुक पर भी इस संबंध में पोस्ट डाली। इस बीच उन्हें किसी का कॉल आया और उसने इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की बात कही। साथ ही व्हाट्सएप पर भी मैसेज भेजा। वो इंजेक्शन 8500 रुपए में देने की बात कर रहा है, जो निर्धारित मूल्य से अधिक है.मामले की जानकारी पर एसओजी के माध्यम से हिमांशू द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर की लोकेशन जौलीग्रांट मिली।

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कालाबाजारी के इस मामले को गंभीरता से लेते पुलिस टीम गठित की गई। जांच के दौरान पुलिस टीम ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए हिमालयन चौक जौलीग्रांट के पास से तीन को गिरफ्तार किया। साथ ही उनका वाहन भी कब्जे में लिया। उनके कब्जे से पांच लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन बरामद किए। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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