उत्तराखण्ड
वेतन विसंगतियों को लेकर पुलिस कर्मी मायूस
वेतन विसंगतियों को लेकर उत्तराखंड पुलिस के जवानों में मायूसी दिखाई दे रही है । जबकि कोरोना काल में कई पुलिसकर्मियों ने जनता के लिए सेवा करते हुए अपनी जान तक गवाई, उन्हें भी सरकार द्वारा आज तक कोई मदद नहीं दी गई। आज भी बढ़ते कोरोना महामारी के दौरान पुलिस पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। बताया जा रहा है कि विभाग में ए एस आई का पद भी सृजित नहीं है। इसका वेतनमान देने की बात पुलिस महानिदेशक द्वारा की जा रही है । वेतन विसंगतियों से पहले ही पुलिसकर्मी मायूस दिखाई दे रहे हैं और इस प्रकार का निर्णय पुलिस जवानों के मनोबल को तोड़ने वाला है। सन 2001 और 2002 में भर्ती हुए, कांस्टेबल ग्रेड पे का लाभ लेने के लिए बड़े आस लगाए बैठे थे। लेकिन उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता बी सी पंत ने बताया कि पुलिस के कुछ जवानों से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ कि सातवें वेतनमान में इस तरह की कटौती उनके प्रति उचित निर्णय नहीं है। इससे पुलिस के जवान मायूस हैं। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सभी पुलिसकर्मी के जवानों को 4600 का ग्रेड पे दे, एक तरफ सरकार. मंत्री, सांसदों के भत्ते खर्चे बढ़ा रही है और दूसरी तरफ जो पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना काल में अपना फर्ज निभा रहा है। उनके साथ पक्षपात नहीं किया जाना चाहिए ।सरकार के आदेशों से पुलिस मुख्यालय के कांस्टेबलों में खलबली मची है।