उत्तराखण्ड
अग्निपथ विरोध के दौरान खुली कांग्रेस की पोल
हल्द्वानी। कांग्रेस की हालत को बयां करने के लिए काफी है। भाजपा सरकार की नीतियों का जवाब देने और जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने की राजनीतिक ख्वाहिश पाले कांग्रेस हाईकमान की उम्मीदों को पलीता लगाने में हल्द्वानी कांग्रेस पदाधिकारी ही जुटे हैं। ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं।दरअसल हल्द्वानी कांग्रेस के नेताओं में किस कदर गुटबाजी हावी है, इसका नजारा सोमवार दोपहर बुद्ध पार्क में देखने को मिला।
अग्निपथ योजना के खिलाफ बुद्ध पार्क में प्रदर्शन करने के लिए तमाम कांग्रेस नेता आए तो जरुर थे लेकिन इस दौरान विरोध के लिए फैलाई गई दरी में बैठने की हिम्मत हर कोई नहीं जुटा पाया। बुद्ध पार्क में कोई इस कोने तो कोई उस कोने मौजूद जरुर रहा लेकिन एक स्वर में विरोध जताने के लिए एक फ्रेम में नजर नहीं आया। इस दौरान चर्चा रही कि यह सब विधानसभा चुनाव का साइड इफेक्ट है जो अब तक कांग्रेसियों के दिलोदिमाग से दूर नहीं हो पा रहा है।
बुद्ध पार्क में जहां पर कांग्रेस ने विरोध का तंबू बिछाया था वहां आलम यह था कि एक कांग्रेसी नेता दूसरे कांग्रेसी नेता का चेहरा तक नहीं देख पा रहा था। यही हाल कार्यकर्ताओं का भी था। हां, जब-जब चुनिंदा अखबारों के फोटोग्राफर कैमरे का लेंस लेकर सामने से आते दिखे तो जरुर कांग्रेसी खेमे में हलचल हुई। कल के अखबार में विरोध की तस्वीर छप जाएं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और दिल्ली में बैठीं कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें पहुंच जाएं, बस इसी जुगत में खानापूर्ति के लिए अग्निपथ योजना और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।हद तो तब हो गई जब विरोध की दरी में बीचों बीच बैठे कांग्रेस महानगर के एक पदाधिकारी ने पत्रकारों से यहां तक कह दिया कि जैसा हम चाहेंगे वैसे फोटो खींचनी होगी। धरने में कौन कांग्रेस नेता बैठेगा, कौन खड़ा रहेगा, यह पत्रकार तय नहीं करेंगे। आपका काम फोटो खींचना है फोटो खींचिए।
जवाब में पत्रकारों ने कांग्रेस के पदाधिकारी से कहा कि आपसी गुटबाजी का ठीकरा पत्रकारों पर न फोड़ें, अग्निपथ का विरोध कर रहे हैं तो कायदे से एकजुट होकर करें। महज खानापूर्ति के लिए विरोध करना सही नहीं है। जब कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच अनबन और मनभेद हैं तो कैसे उम्मीद करते हैं कि अग्निपथ योजना समेत दूसरे मुद्दों पर आमजन कांग्रेस के साथ रहेगा।पत्रकारों के विरोध के सुरों को दबाने के लिए कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाने में जरा भी देरी नहीं लगाई। कुछ नेता पत्रकारों का मान मनोव्वल करने को आगे भी आए लेकिन बड़बोले पदाधिकारी अपने बड़बोले बयान की पैरवी करते नजर आए। जिसके बाद तमाम पत्रकार कार्यक्रम छोड़कर चले गए। लेकिन शहर कांग्रेस के जिम्मेदार पद पर बैठे पदाधिकारी का यह बयान शहर भर में चर्चा का विषय बन गया।
लोग कहते नजर आए कि कांग्रेस की इसी गुटबाजी का परिणाम है कि देश और प्रदेश में कांग्रेस को बुरी तरह शिकस्त मिली। गनीमत रही कि हल्द्वानी विधानसभा में विकास की देवी इंदिरा हृदयेश के उत्तराधिकारी सुमित हृदयेश पर जनता ने विश्वास जताया वरना कांग्रेसियों की धड़ेबाजी यहां भी भारी पड़ सकती थी। चर्चा रही कि अगर हल्द्वानी कांग्रेस के जिम्मेदार पदों पर ऐसे बड़बोले और गैर जिम्मेदार बयान देने वाले लोग बैठेंगे तो आने वाले दिनों में जनता के वोट तो दूर कांग्रेस पार्टी को उसके खुद के लोगों के वोट तक नहीं मिल सकेंगे। ऐसे में संगठन की जिम्मेदारी ऐसे लोगों को दी जानी चाहिए जो वाकई इस जिम्मेदारी को उठाने के लायक हों तभी सत्ता और आम जन के दिलों में कांग्रेस की वापसी हो सकती है।
इधर किच्छा में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आव्हान पर, प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा के नेतृत्व मे उत्तराखंड के 70 के 70 विधानसभा क्षेत्र में अग्निवीर भर्ती के विरोध में सत्याग्रह किच्छा शहर में सुबह 10:00 बजे अपराह्न 1:00 बजे तक गांधी विचारधारा के तहत सत्याग्रह करके धरना दिया ।
देश के प्रधानमंत्री मोदी सरकार अग्नि वीरों की भर्ती का रूप देकर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है जब देश के प्रधानमंत्री मोदी जी पहले 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने देश की जनता से वादा किया था प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष नौकरी देंगे लेकिन आज 8 साल हो चुके हैं 16 करोड़ लोगों की नियुक्ति होनी चाहिए, अपने बातों को पलटकर 10 लाख आर्मी में भर्ती अग्निवीर के रूप में किया जाएगा जो कि देश के भविष्य और देश के अग्नि वीरों के लिए बहुत बड़ा कुठाराघात है ।कांग्रेस इसका खुलकर विरोध करती है और जब तक देश के प्रधानमंत्री अपनी इस बातों को वापस नहीं लेते कांग्रेस गांधी विचारधारा के तहत सत्याग्रह करके इनकी मांगों को पूर्ण नहीं गांधी विचारधारा के पद सत्याग्रह करते रहेंगे । इस अवसर पर डॉ गणेश उपाध्याय, किच्छा विधानसभा अध्यक्ष गुड्डू तिवारी, नारायण सिंह बिष्ट, विनोद कोरंगा, रंजीत नगरकोटी ,मेजर सिंह, गुरचरण सिंह बब्बू और ताहिर मलिक ,मिसबाहउल ,पप्पू दुआ, विशाल साई, दलीप सिंह बिष्ट ,विक्रम कोरंगा प्रवीण सेन सोहन कोहली,धर्मेंद्र सिंधी ,प्रेम राज सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।