उत्तराखण्ड
सरकारी स्कूल में फर्जी तरीके से बने प्रिंसिपल, किया निलंबित
सरकारी विभाग में आए दिन फर्जीवाड़े की खबर सामने आती रहती है लेकिन इस बार अल्मोड़ा जिले में एक सरकारी स्कूल के फर्जी पानी की बड़ी खबर सामने आ रही है बता दे जिला शिक्षा अधिकारी ने राजकीय प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक को फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद निलंबित कर दिया है। प्रधानाध्यापक पुष्कर कुमार पर आरोप है कि उन्होंने इंटर के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। अब प्रधानाध्यापक को खुद को साबित करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है।दरअसल राजकीय प्राथमिक स्कूल वल्शा (हवालबाग) के प्रधानाध्यापक पुष्कर कुमार के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए विभाग ने सत्यापन करना शुरू किया।
पुष्कर कुमार के 1994 के इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद बरेली भेजे गए। जहां से दो मार्च 2021 को पता चला कि प्रधानाध्यापक का परीक्षाफल बताया गया था।इसके बाद नौ मार्च को प्रधानाअध्यापक के अंकपत्र और प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए सीआरएसटी इंटर कालेज नैनीताल भेजे गए। फिर स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा परीक्षाफल की क्रास लिस्ट डीईओ कार्यालय अल्मोड़ा भेजी। जहां यह साफ हुआ कि प्रधानाध्यापक का परीक्षाफल अपूर्ण हैअब मामला खासा गरम हो चुका था। जिसके बाद जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक) हर्ष बहादुर चंद ने 30 मार्च को प्रधानाध्यापक को पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बुलाया। जिसके बाद मंगलवार को प्रधानाध्यापक पुष्कर कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही तत्काल प्रभाव से उप शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक) हवालबाग कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। हालांकि निलंबन अवधि में प्रधानाध्यापक को आधा वेतन दिया जाएगा।इसके बाद आगे की जांच के लिए डीईओ ने उप शिक्षाधिकारी प्रारंभिक (ताकुला) सुरेश चंद्र आर्या को जांच समिति में नामित किया है। साथ ही बता दें कि निलंबित प्रधानाध्यापक को सात दिन का वक्त दिया गया है। अगर इन सात दिनों में वह अपने आरोपों को खारिज नहीं कर पाते हैं तो उपलब्ध साक्ष्यों और अभिलेखों के तहत प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी उनकी होगी।