कुमाऊँ
कोरोना महामारी से खुद की करें सुरक्षा
प्रकृति का भयावह रूप इससे अधिक और क्या हो सकता है जहाँ अपनों से भी दूरी बनाना जीने के लिए जरूरी हो गया है। आज प्रकृति ने साबित कर दिखाया कि उसके लिए न ही कोई बड़ा और छोटा तथा न ही कोई अमीर और गरीब है। पहले समय हुआ करता था जब मनुष्य खुद बाहर तथा पशु पक्षियों को पिंजरे में रखता था, लेकिन आज समय कुछ और ही है, जहाँ मनुष्यों को जीने के लिए बंद कमरे में रहना जरूरी हो गया है तथा पशु पक्षियां बेझिझक खुली हवा में सांस ले रहे है, इसीलिए कहा जाता है ” समय बदलते देर नही लगती “।
जैसा कि हम सब जानते है यह कोरोना महामारी की दूसरी लहर है ।जिसमे मृत्यु दर पहली लहर से भी ज्यादा तीव्रता से बढ़ रही है। आज हमें यह समय देखने को न मिलता लेकिन एक व्यक्ति की लापरवाही सौ निर्दोष व्यक्तियों को मौत की तरफ ले जा रही है। पहली लहर पर जैसे ही काबू शुरू हुआ, लोगो को लगा कि सब पहले जैसा हो गया जबकि असलियत कुछ और ही थी। लोग बिना मास्क लगाए घूमने लगे तथा ज्यादा से ज्यादा संख्या में एकत्रित होने शुरू हो गए जिस कारण आज हमे दूसरी लहर से सामना करना पड़ रहा है। यही नही अब तो तीसरी लहर के आने की भी संभावना जताई जा रही है। इस महामारी से निजात पाने के लिए हमे कुछ सावधानियों के साथ दैनिक दिनचर्या का पालन करना होगा।
दैनिक दिनचर्या :
◆ हमेशा तीन लेयर का मास्क लगाए रखे।
◆ दो गज की दूरी अति आवश्यक है।
◆ किसी भी वस्तु एवं स्थान को छूने से पहले तथा छूने के बाद हाथो को अवश्य सैनिटाइज करे।
◆ बाहर से आने के बाद चहरे तथा हाथ-पैरो को अच्छी तरह साबुन की मदद से धोएं।
◆ पहने हुए कपडे को तुरंत धो कर सूखने के लिए डाल दे।
◆ एक गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच नमक डालकर कर गरारे करें।
◆ दिन में एक से दो बार स्टीम यानी भाप लें (नीम के कुछ पत्ते तथा अदरक का छोटा टुकड़ा कुचलकर)
◆ अपने साथ एक पोटली तैयार रखें तथा 10-15 मिनट के अंतराल पर उसका सुगंध लेते रहें जिससे ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है।
पोटली तैयार करने की विधि
कपूर, अजवायन, लौंग, तथा यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदे डाल कर सूती कपड़े में बांध कर पोटली तैयार करे ।
संपादक: आराधना शुक्ला (ग्रीन पैंथर)