उत्तराखण्ड
भगवान जगन्नाथ के दर्शन के दौरान भयानक भगदड़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, तीर्थयात्रा मातम में बदली
पुरी से इस वक्त की सबसे दर्दनाक खबर सामने आई है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान सुबह-सुबह ऐसी भगदड़ मची कि कई जिंदगियां उसमें फंस गईं। बताया जा रहा है कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास जैसे ही रथों के दर्शन शुरू हुए वैसे ही अचानक हजारों लोग एक साथ पहुंच गए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संभालना मुश्किल हो गया। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। कई लोग पैरों के नीचे कुचल गए। इसी भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मरने वालों में दो महिलाएं भी थीं। इसके अलावा करीब पचास लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सबको इलाज के लिए पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना सुबह करीब साढ़े चार बजे की है। जब भगवान बलभद्र भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के दर्शन शुरू हुए। तभी यह हादसा हो गया। जिनकी मौत हुई उनकी पहचान हो गई है। एक महिला खोरदा से थी दूसरी नयापल्ली भुवनेश्वर से और तीसरी अथंतर बालीपटना की रहने वाली बताई जा रही है। अब तक मौत के आंकड़ों को लेकर अफसरों के बयान भी एक जैसे नहीं हैं। सीडीएमओ ने जहां दो लोगों की मौत और दस के घायल होने की बात कही वहीं एडिशनल एसपी ने तीन की मौत की पुष्टि की है। पीटीआई के मुताबिक पचास लोग घायल हुए हैं।
घायलों के परिजनों ने सीधे प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि न भीड़ को रोकने की कोई तैयारी थी न मदद के लिए कोई सामने आया। पारादीप के संजीव नाम के व्यक्ति ने बताया कि उनकी पत्नी हादसे में बुरी तरह घायल हो गई लेकिन एक भी एंबुलेंस नहीं आई। एक घंटे तक वो खुद अपनी कार में पत्नी को लेकर भीड़ से निकलते रहे। उनका कहना था कि तीस हजार से ज्यादा लोग जमा थे लेकिन मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा।
वहीं एक और भक्त अखाया महाराणा ने बताया कि उन्होंने खुद कई घायलों को टोटो से अस्पताल पहुंचाया क्योंकि एंबुलेंस आई ही नहीं। उनका कहना था कि जैसे ही रथ के पास की रस्सियां हटाई गईं वैसे ही भगदड़ मच गई। कोई इंतजाम नहीं था। सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया था।
सस्मिता स्वैन नाम की एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वो रातभर परिवार के साथ दर्शन का इंतजार करती रहीं। सुबह जैसे ही रथ दर्शन की खबर फैली अचानक दो हजार लोग वहां जमा हो गए। जगह-जगह बिछी पॉलीथिन की वजह से कई लोग फिसलकर गिर गए। किसी ने ध्यान नहीं दिया। जो लोग मंदिर में व्यवस्था संभालने वाले थे उन्होंने कहा कि वे ट्रस्ट के लोग हैं और कानून व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी नहीं है।
एक घायल युवक अश्वासन ने बताया कि वो देवी सुभद्रा के रथ में सवार थे तभी भीड़ के नीचे दबकर गिर गए। उसके पैरों की हड्डियां तक टूट गईं। उसने कहा कि उस वक्त वहां न पुलिस थी न कोई अधिकारी न एंबुलेंस। उनका पूरा परिवार घायल हो गया। सबको खुद ही अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
पुलिस अधिकारी जितेंद्र देहुरी ने बताया कि जिन तीन लोगों की जान गई उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हादसे के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष नवीन पटनायक ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। साथ ही घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि लगातार दो दिन रथ यात्रा के दौरान हुई भीड़भाड़ और हादसे दिखाते हैं कि सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। लोगों को सुरक्षित दर्शन का मौका देने में वो बुरी तरह असफल हुई है।

