Connect with us

उत्तराखण्ड

इंजीनियर्स डे पर बिश्रेश्ररैया को किया याद

पंद्रह सितंबर को भारत वर्ष में मोक्षगुंडम बिश्रेश्ररैया के जन्म दिन पर इंजीनियरिंग डे हर साल बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया जाता है। मोक्षगुंडम बिश्रेश्ररैया एक साधारण परिवार के थे इनका जन्म कर्नाटक के कोलार गांव में 15सितंबर 1860मे हुआ। इनके पिताजी एक संस्कृत के बिद्धान व आयुर्वेदिक चिकित्सक थे इनकी माता बेकचाम्मा एक धार्मिक महिला थी बताया जाता है।15साल के उम्र इनके पिताजी का देहांत हो गया। इन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई चिकबल्लारपुर में की।आगे की पढ़ाई के लिए बंगलौर चले गए ,1881मे मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कालेज बंगलौर से बीए पास किया।

मैसूर सरकार से उन्हें सहायता मिली पूना सांइस कालेज में इंजिनियरिंग के लिए दाखिला लिया।1983मे इंजिनियरिंग पास में प्रथम स्थान आया। इंजिनियरिंग की परीक्षा पास करने के बाद बिश्रेश्ररैया को बांबे सरकार से नौकरी का आफर आया । उन्हें नासिक में असिस्टेंट इंजीनियर के तौर पर काम मिला असिस्टेंट इंजीनियर के टाइम पर उन्होंने बहुत ही अद्भुत काम किये सिंधु नदी से पानी की सप्लाई सुककुर गांव तक कराई इधर नई सिंचाई प्रणाली ब्लाक सिस्टम से शुरू किया । इन्होंने बांध में इस्पात के दरवाजे लगवाए ताकि पानी का बहाव आसानी से रोका जाय , पूणे के खड़कवासला में बांध बनाया इसके दरवाजे ऐसे बनाएं गए थे जो पानी के बहाव की मार झेल सके। काबेरी नदी पर बना क्रष्णा राजा सागरा को बिश्रेश्ररैया ने अपनी रेख देख में बनाया ये एशिया का सबसे बड़ा जलाशय माना जाता है।
हैदराबाद सीटी बनाने का श्रेय बिश्रेश्ररैया जी को ही दिया जाता है। 1906-7में भारत सरकार ने बिश्रेश्ररैया को जल आपूर्ति व जल निकासी की पढ़ाई के लिए अदेन भेजा उनके द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट को अदेन में सफलतापूर्वक कार्यविन्त किया गया। उन्होंने सिंचाई प्रणाली व बांध के अलावा यूनिवर्सिटी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों की भी स्थापना की। सन 1955 में उन्हें सर्वोच्च भारत रत्न से सम्मानित किया गया।1968 में भारत सरकार के द्वारा हर साल पंद्रह सितंबर को इंजीनियरिंग डे मनाने के लिए ऐलान किया गया तब से हर साल भारत वर्ष में पंद्रह सितंबर को इंजीनियरिंग डे (अभियंता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बिश्रेश्ररैया जी को आधुनिक भारत के पहला इंजीनियर माना जाता है। कुछ लोग तो इन्हें आधुनिक भारत के बिस्वकर्मा की तरह भी मानते हैं। Kalpatru project international company Ltd के अंतर्गत कार्यरत civil forman प्रतापसिह नेगी ने) आधुनिक भारत के महान् भारतरत्न सम्मानित बिश्रेश्ररैया की 163वे जन्म दिन व अभियंता दिवस के उपलक्ष्य में भारत के महान् भारतरत्न बिश्रेश्ररैया जी को श्रद्धांजलि देते हुए शत-शत नमन किया।कहा सभी कनशक्शन्स कंपनियों के इंजिनियरों व सुपरवाइजरों व मजदूरों को इनके आदर्शो का सम्मान करके आगे बढ़ना चाहिए।

यह भी पढ़ें -  बदरीनाथ में तापमान शून्य से भी नीचे, जम गई इंद्रधारा
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News